छात्रावास मरम्मत में गड़बड़ी: मंत्री असीम अरुण ने किया निरीक्षण, समाज कल्याण अधिकारी और अधीक्षक निलंबित

रामनगर। समाज कल्याण विभाग के छात्रावास की मरम्मत के लिए आए पाँच लाख रुपये का सही उपयोग न होने पर समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने सख्त कार्रवाई की है। निरीक्षण में कई कार्यों के न होने की पुष्टि होने पर उन्होंने समाज कल्याण अधिकारी सुषमा वर्मा और छात्रावास अधीक्षक मनोज कुमार को निलंबित कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है। साथ ही अयोध्या मंडल के सहायक निदेशक, समाज कल्याण को पूरे प्रकरण की जांच सौंपी है।

मंत्री रामनगर पी.जी. कॉलेज के एक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। कॉलेज परिसर में बने समाज कल्याण छात्रावास का निरीक्षण करते हुए उन्होंने पाया कि परिसर गंदगी से भरा है और सफाई का कोई इंतजाम नहीं है। इस पर उन्होंने नाराज़गी जताई और तत्काल मरम्मत कार्यों की जानकारी मांगी। अधिकारी ने बताया कि 5 लाख की लागत से कई कार्य कराए गए हैं। जब मंत्री ने सूची से कार्यों का भौतिक सत्यापन किया, तो सच्चाई सामने आ गई।

मंत्री के अनुसार, सूची में 250 बिजली के नए स्विच लगाए जाने की बात कही गई थी, जबकि निरीक्षण में केवल 39 स्विच मिले। इसी तरह 71 नए बोर्ड लगवाने का दावा किया गया, लेकिन एक भी बोर्ड मौजूद नहीं था। 30 एलईडी फैंसी लाइटें लगाई गई थीं, परंतु निरीक्षण में मात्र छह ही दिखाई दीं।

छात्रावास के सभी कमरों का निरीक्षण कर मंत्री ने जब कार्यों को सूची से मिलाने को कहा, तो अधिकारी और अधीक्षक कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। छात्रों ने भी बताया कि कुछ बोर्ड केवल एक दिन पहले ही लगाए गए हैं। इससे मंत्री बेहद आक्रोशित हुए और दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया।

मंत्री ने कहा कि अन्य जिलों में मरम्मत के लिए भेजी गई राशि का उचित उपयोग हुआ है, जबकि रामनगर में घोर लापरवाही बरती गई है। दोषियों पर न केवल कार्रवाई होगी बल्कि रिकवरी भी की जाएगी। उन्होंने कॉलेज शिक्षकों की मांग पर छात्रावास के लिए दस लाख रुपये और देने की घोषणा की, साथ ही यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में ईमानदार अधिकारी को तैनात कर गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित किया जाएगा।

मंत्री की इस कार्रवाई से विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।