अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कछुओं की तस्करी करने वाला गिरोह बेनकाब, एक गिरफ्तार

लखनऊ। 06 जून 2025। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दुर्लभ प्रजातियों के कछुओं की तस्करी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को लखनऊ के काकोरी थाना क्षेत्र स्थित यरथीपुर गांव से गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई में कुल 102 जीवित कछुए बरामद किए गए हैं। गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान प्रिंस पुत्र योगी, निवासी गोंसाईगंज, थाना काकोरी, जनपद लखनऊ के रूप में हुई है। उसके पास से 102 जीवित कछुओं के अलावा एक मोटरसाइकिल (UP32PB0682), एक मोबाइल फोन, एक आधार कार्ड, एक पैन कार्ड तथा ₹1770 नगद भी बरामद हुए हैं। गिरफ्तारी शुक्रवार को सुबह लगभग 9:05 बजे हुई। यह कार्यवाही एसटीएफ उत्तर प्रदेश द्वारा की गई, जो बीते कई वर्षों से प्रदेश में कछुओं की अवैध तस्करी रोकने को लेकर अभियान चला रही है।

भारत में पाई जाने वाली कछुओं की 29 प्रजातियों में से 15 प्रजातियाँ उत्तर प्रदेश में मिलती हैं, जिनमें से 11 प्रजातियों का अवैध व्यापार किया जाता है। ये तस्करी मुख्यतः इनके मांस, पालतू जानवर के रूप में उपयोग, नरम खाल (कैलिपी) और कथित औषधीय गुणों के कारण की जाती है। कछुओं को “सॉफ्ट शेल” (नरम कवच) और “हार्ड शेल” (कठोर कवच) में वर्गीकृत किया जाता है। यमुना, गंगा, चंबल, घाघरा, गंडक और सोन जैसी नदियाँ और उनकी सहायक धाराएं, तालाब तथा रियायती जलस्रोत कछुओं के मुख्य प्राकृतिक निवास हैं।

एसटीएफ को लंबे समय से जानकारी मिल रही थी कि लखनऊ, बलरामपुर, लखीमपुर, सुल्तानपुर जैसे जिलों में विभिन्न जातियों के कछुओं की तस्करी सक्रिय रूप से की जा रही है। इसे लेकर एसटीएफ की कई इकाइयों को सूचना संकलन व कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। इसी क्रम में यह सफलता हासिल हुई। पकड़े गए कछुओं को असम, पश्चिम बंगाल के रास्ते बांग्लादेश और म्यांमार होते हुए चीन, हांगकांग, मलेशिया जैसे देशों में तस्करी कर भारी मुनाफा कमाया जाता है। यह नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय गिरोहों से जुड़ा हुआ है। एसटीएफ द्वारा मामले की गहन जांच की जा रही है और अन्य तस्करों की तलाश जारी है।