अतरिया के ग्रामीणों ने रेल लाइन पर पुलिया बनवाने की मांग उठाई


पलिया, लखीमपुर खीरी। पलिया तहसील क्षेत्र के ग्राम अतरिया में खनन विवाद अब बाढ़ और किसानों की फसल बर्बादी के मुद्दे से भी जुड़ गया है। बीते शुक्रवार को पलिया के कमल चौराहा पर सिख समाज द्वारा लगाए गए जाम के बाद यह मामला चर्चा में बना हुआ है।
दरअसल, सिख समाज का आरोप था कि शारदा नदी के किनारे स्थित खेतों से कुछ अतरिया निवासी अवैध खनन कर रहे हैं। इस खनन का विरोध करते समय अतरिया निवासी सुरेन्द्र पाल सिंह सहित अन्य ग्रामीणों ने कार्रवाई की, जिस पर खनन में लिप्त लोगों द्वारा उनके साथ मारपीट और पगड़ी के साथ छेड़छाड़ किए जाने का आरोप लगाया गया। सिख समाज ने बताया कि पुलिस समय पर मौके पर नहीं पहुंची, जिससे आक्रोशित होकर कमल चौराहा पर जाम लगाया गया।
जाम की सूचना पर पलिया पुलिस मौके पर पहुंची और समझाने-बुझाने के साथ कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद जाम समाप्त हुआ। इसके पश्चात सिख समाज के लोगों ने कोतवाली में तहरीर दी, जिस पर अतरिया के कई लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया।
दूसरे दिन शनिवार को तहसील दिवस में मामले के दूसरे पक्ष ने भी उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर आरोपों को निराधार बताया। उनका कहना था कि न तो सुरेन्द्र पाल सिंह के साथ कोई मारपीट हुई और न ही पगड़ी के साथ छेड़छाड़ की गई। दोनों पक्षों ने निष्पक्ष जांच कराने की मांग की।
इसी बीच, अतरिया गांव के कई ग्रामीण पलिया–भीरा रेल लाइन के उस स्थान पर पहुंचे, जहां हर साल बाढ़ के दौरान रेलवे लाइन कट जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 1971 में यहां रेलवे लाइन के नीचे एक पुलिया बनी थी, जिसे बंद कर दिया गया। इसके बाद 1972 से लगातार हर साल बाढ़ आती है, जिससे सैकड़ों किसानों की फसलें बर्बाद हो जाती हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिया बंद होने के कारण पानी की निकासी नहीं हो पाती और खेतों में जलभराव से किसानों को भारी नुकसान होता है। उन्होंने शासन-प्रशासन से मांग की है कि रेलवे लाइन के नीचे पुनः पुलिया बनवाई जाए, ताकि आने वाले वर्षों में भी बाढ़ की समस्या से निजात मिल सके।
मौके पर अतरिया गांव के कई ग्रामीण मौजूद थे और उन्होंने मीडिया के माध्यम से प्रशासन से स्थायी समाधान की मांग रखी।