गठबंधन को मजबूत करने के लिए कांग्रेस हुई चुनाव से बाहर, अब यूपी में नज़र आएंगे सिर्फ साईकिल वाले अखिलेश यादव के उम्मीदवार..

यूपी उपचुनाव में इंडिया ने किया सभी सीटों पर एलान. सभी उम्मीदवार सपा के निशान साईकिल पर चुनाव लडेंगे. कांग्रेस को सीट ना देने के पीछे गठबन्धन मजबूती का हवाला दे रहा है. फिलहाल कांग्रेस की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है

यूपी में होने जा रहे उपचुनाव में सपा की तरफ से सभी 9 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है. प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि गठबंधन को उत्तर प्रदेश में मजबूत करने और कामयाबी दिलाने के लिए ऐसा किया गया. वहीं कांग्रेस की तरफ से उपचुनाव में 9 सीटों में से 5 सीट पर लड़ने की मांग की जा रही थी. अखिलेश ने सीटों की घोषणा के दौरान कांग्रेस की जमकर तारीफ भी की. और देश की सबसे पुरानी पार्टी को एक मजबूत सहयोगी बताया. फिलहाल इंडिया गठबंधन के सबसे बड़े दल कांग्रेस ने का सीटों के ऐलान के बाद कोई भी बयान नहीं आया है. आपको बता दें कि 403 विधानसभा सीट वाले इस राज्य में आने वाली 13 नवंबर को 9 सीटों पर उपचुनाव होने हैं .

कांग्रेस ने की थी 5 सीटों की मांग
प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने 5 सीटों पर लड़ने की इच्छा जताई थी. जो आए अखिलेश के फैसले के बाद बुरी तरह से धूमिल होती नज़र आ रही है. यादव ने चुनाव में सभी सीटों पर साईकिल के निशान पर पूरी गठबंधन की तरफ से लड़ने का ऐलान किया है. कांग्रेस की तरफ से फिलहाल कोई बयान अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन कुछ विश्लेषकों का मानना है की कांग्रेस की हरियाणा में आपसी फूट और आप पार्टी के साथ मिलकर ना लड़ने को हार का मुख्य कारण माना जा रहा है. शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने भी हार के बाद कांग्रेस के आपसी तालमेल की कमी को ज़िम्मेदार ठहराया था. ऐसे में अब कहा जा रहा है की कांग्रेस कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहती है, जिसके वजह से ही सीटों के ऐलान के बाद पार्टी ने चुप्पी साधी हुई है.

क्या है यूपी सभी पार्टियों का मौजूदा गणित
भारत के सबसे सीटों वाले प्रदेश वाले उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा सीटें हैं. जिसमें सभी पार्टियों की मौजूदा स्थिति की बात की जाए तो वो कुछ इस प्रकार है,बीजेपी 251, अपना दल 13, राष्ट्रीयलोक दल 9, सुभासपा 6, निषाद 5 सीटों पर काबिज है , यह सभी दल एनडीए के घटक दल है जिनका कुल योग 283 है, वहीं अब इंडिया गठबंधन की बात की जाए सपा के पास105 और कांग्रेस के खाते में महज़ दो सीटें हैं. वहीं प्रदेश की 10 सीटें छोड़कर शेष सीटें अन्य दलों के खाते में है.

कांग्रेस को सीटें ना देने के पीछे हो सकते हैं कुछ ऐसे तर्क
403 सीटों वाले इस प्रदेश में कांग्रेस के पास विधानसभा में सिर्फ दो सीटें है , वहीं इनके सहयोगी सपा की बात की जाए तो उसकी ताकत कांग्रेस की तुलना में यहां 50 गुणी है. जिसके कारण सपा इन्हें सिर्फ दो सीटें देना चाहती थी. कांग्रेस जिस फूलपुर को अपनी परंपरागत सीट बताकर दावा ठोक रही थी , उस सीट पर 2022 के चुनावों में सपा बनाम बीजेपी में सीधी टक्कर थी. और वहीं अगर इस उपचुनाव में सपा कांग्रेस को 5 सीट दे देती तो, आने वाले विधानसभा चुनाव में सपा को कांग्रेस के सामर्थ्य से ज़्यादा सीटें देने का दबाव बन सकता था. फिलहाल जो 10 सीटें राज्य में रिक्त पड़ी है उनमें सपा 3 ,बीजेपी 5, दो सीटें एनडीए सहयोगियों के पास थी, जो लोकसभा चुनाव में विधायकाें के जीतने या कुछ अन्य कारणों के बाद खाली हुई है. अगर कांग्रेस की बात की जाए तो इन 10 सीटों में से उसके पास एक भी सीट नहीं थी

लेखक : नकुल जैन