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उत्तर प्रदेश उपचुनाव में बड़े राजनेताओ के प्रतिष्टा दाव पर लगी, जानिए ये अहेम खबर- Amar Bharti Media Group उत्तर प्रदेश, राजनीति उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश उपचुनाव में बड़े राजनेताओ के प्रतिष्टा दाव पर लगी, जानिए ये अहेम खबर

उत्तर प्रदेश election : झारखण्ड और महाराष्ट्र में विधानसभा के चुनाव  कुछ ही दिन में है लेकिन उत्तरप्रदेश के उपचुनाव की चर्चा सबसे ज्यादा चर्चे में है महज नौ सीटों पर चुनाव होने जा रहे है उत्तर प्रदेश में लेंकिन २०२७ के विधानसभा का रास्ता तय कर सकता  है ये चुनाव ?

देश में दो राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे है महाराष्ट्र और झारखण्ड में लेकिन इस बीच एक चुनाव भी बड़ा ROLEPLAY करने वाला है उत्तर प्रदेश में नौंसीटों पर उपचुनाव होने जा रहे है. ये चुनाव उ.प में वर्चस्व का चुनाव होने जा रहे क्योंकी एक जगह समाजवादी  पार्टी का लोकसभा में अच्छा प्रदर्शन उन्हें हौसलों से भर दिया है वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने हरियाणा में जीत हासिल करने के बाद उनका भी मनोबल सातवे आसमान पर है. तो ये देखने में दिलचस्प रहेगा की इस बार कौन इन नौं सीटों पर बाजी मारता है. इस चुनाव में हार या जीत पर कोई असर नहीं पड़ेगा. असर सिर्फ मनोबल पर पड़ेगा, जिस वजह से लोकसभा चुनावों में अप्रत्याशित नतीजों के बाद समीकरण को अपने हिसाब से ठीक किया जा सके.

     आइए जानते है किन नौ सीटो पर होने जा रहे है चुनाव

  • अंबेडकरनगर की कटेहरी
  • मैनपुरी की करहल
  • मुजफ्फरनगर की मीरापुर
  • गाजियाबाद सदर
  • मिर्ज़ापुर की मझवां
  • कानपुर की सीसामऊ
  • अलीगढ़ की खैर
  • प्रयागराज की फूलपुर
  • ⁠मुरादाबाद की कुंदरकी शामिल हैं.

सपा-कांग्रेस की नही बन रही है सीटों पर समीकरण

इन सभी नौ सीटों पर 13 नवंबर को होगी चुनावी जंग. नतीजे 23 नवंबर को आएंगे. ,  25 अक्टूबर को  नामांकन की आखिरी तारिख है .समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में नौं सीटो  में से 6 सीटो पर अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए है  वाही उनके साथी पार्टी कांग्रेस ने इस उपचुनाव में समाजवादी पार्टी से ५ सीटो की मांग की थी लेकिन समाजवादी पार्ट ने  केवल २ ही  सीटें   देना के लिए राजी है. सपा ने कांग्रेस को गाजियाबाद और खैर सीटें गठबंधन में ऑफर की हैं लेकिन कांफ्रेस सय्यद इतने में संतोष्ट नही है ?

यहां सीट पर दाव पर लगी है प्रतिष्टा

इन नौं सीटों पर लगा है दाव, लेकिन राजनैतिक समीकरण को देखें तो सबसे ज्यादा  महत्वपूर्ण सीटों में पहला नाम करहल का आता है. जहा से अखिलेश यादव विधायक थे  मैनपुरी ज़िले की करहल वो सीट है, जो समाजवादियो का गढ़ कहा जाता है . २०२४ में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद बनने के बाद अखिलेश ने करहल से इस्तीफ़ा दे दिया था और अब वो अपनी सीट उनके परिवार के ही तेज प्रताप यादव को यहां से टिकट देकर प्रत्याशी बनाया है. अगर बीजेपी ये सीट जितने में कामयाब होती है तो तो सच में अखिलेश यादव की राजनितिक सफ़र पर प्रश्नचिन्हे उठने लग जाएंगे,  लेकिन बीजेपी ने अभी तक करहल सीट पर अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया है.

यहां सम्मान बचाने के लिए  होगी जंग

दूसरी महत्वपूर्ण सीट कानपुर की सीतामऊ है. इरफ़ान सोलंकी के सज़ायाफ़्ता होने की वजह से वो अयोग्य क़रार दिए गए. समाजवादी पार्टी ने  यहाँ पर बड़ा दाव खेला और इरफ़ान सोलंकी की पत्नी नसीम सिलंकी को टिकेट दे दिया है नसीम सोलंकी ने यहां से नामांकन भी दाखिल कर दिया है. यहां भी बीजेपी से कौन उम्मीदवार होगा, इसका खुलासा अब तक नहीं हुआ है.

लेखक : शर्मा हर्ष कैलाशनाथ