लखनऊ। लोकसभा में बुधवार को पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार घमासान दिखाई देगा। मोदी सरकार वक्फ संशोधन विधेयक को चर्चा और पारित कराने के लिए सदन में लाएगी, जिसके लिए दोपहर 12 बजे से रात 8 बजे तक का समय तय किया गया है। दोनों पक्ष इसको लेकर पहले से ही रणनीति बनाने में जुटे हैं।
भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस सहित कई पार्टियों ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है और सदन में मौजूद रहने का निर्देश दिया है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर एक बड़ी बैठक की है, जिसमें रणनीति बनाई गई कि वक्फ बिल के खिलाफ सरकार का कैसे मुकाबला किया जाए।
चर्चा के दौरान लोकसभा में हंगामा होने की संभावना
विपक्षी दलों का कहना है कि यह विधेयक असंवैधानिक है और मुस्लिम समुदाय के अधिकारों के खिलाफ है। उनका दावा है कि यह विधेयक अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों पर प्रभाव डाल सकता है, वहीं मोदी सरकार का कहना है कि यह संशोधन वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने और दुरुपयोग रोकने के लिए जरूरी है।
भाजपा और कांग्रेस ने जारी किया व्हिप
भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी कर 2 अप्रैल को सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। भाजपा का कहना है कि इस दिन कुछ महत्वपूर्ण विधायी कार्यों को पारित किया जाना है और पार्टी के सभी सांसदों की उपस्थिति अनिवार्य है।
कांग्रेस ने भी अपने लोकसभा सांसदों को व्हिप जारी किया है, जिसमें अगले तीन दिनों तक सदन में उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। कांग्रेस ने कहा कि वे इस बिल का विरोध करेंगे, क्योंकि यह एनडीए सरकार की बांटने की कोशिश है।
वक्फ विधेयक का उद्देश्य
सत्ता पक्ष का कहना है कि वक्फ संशोधन विधेयक गरीब मुसलमानों के फायदे के लिए है और इसे लेकर विपक्ष को गुमराह किया जा रहा है। भाजपा का दावा है कि वक्फ की संपत्तियों पर बड़े मुसलमानों का कब्जा होता है और सरकार द्वारा लाए गए इस बिल का उद्देश्य उन गरीब मुसलमानों को न्याय दिलाना है।
टीडीपी और जेडीयू ने समर्थन किया
एनडीए में शामिल तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और जेडीयू ने इस बिल को समर्थन दिया है। जेडीयू ने कहा है कि बिल में कुछ बदलाव जरूरी हैं, जैसे कि पुराने धार्मिक स्थानों पर कोई छेड़छाड़ न हो और राज्यों की राय ली जाए।
लोकसभा में बिल पास कराने के लिए बहुमत
लोकसभा में फिलहाल 542 सांसद हैं, जिसमें भाजपा के पास 240 सदस्य हैं और एनडीए के पास कुल 293 सदस्य हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि वे इस विधेयक का पुरजोर विरोध करेंगे, जिसमें कांग्रेस, सपा, तृणमूल कांग्रेस और अन्य दल शामिल हैं।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू का बयान
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार विधेयक को बुधवार दोपहर 12 बजे बाद चर्चा और पारित कराने के लिए पेश करेगी, जबकि विपक्षी दलों ने बहाने बना कर चर्चा से बचने की कोशिश की है।