
गंगा दशहरा, विश्व पर्यावरण दिवस और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जन्मदिवस के पावन अवसर पर नगर निगम लखनऊ ने गुरुवार सुबह 6 बजे से गोमती बैराज से गुलाला घाट तक भव्य जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस आयोजन का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता और प्लास्टिक प्रदूषण के दुष्प्रभावों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना था।
मुख्य अतिथि के रूप में नगर विकास, ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री ए.के. शर्मा उपस्थित रहे और कार्यक्रम की अध्यक्षता लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल ने की। मौके पर नगर निगम के अपर नगर आयुक्त ललित कुमार, नम्रता सिंह, अरुण कुमार गुप्त, डॉ. अरविंद कुमार राव, नगर आयुक्त गौरव कुमार, पार्षदगण, स्वयंसेवी संगठन, सफाई मित्र और बड़ी संख्या में आमजन मौजूद रहे।

गोमती की आठ किलोमीटर लंबी धारा को आठ क्लस्टरों में बाँटकर विशेष सफाई अभियान चलाया गया। हर क्लस्टर में जिम्मेदार अधिकारियों की तैनाती कर जलकुंभी, मूर्तियों, प्लास्टिक और अन्य कचरे की सफाई की गई, जिसमें नगर निगम कर्मियों के साथ आम नागरिकों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई।

लक्ष्मण मेला मैदान पर मंत्री ए.के. शर्मा, महापौर सुषमा खर्कवाल, नगर आयुक्त गौरव कुमार, पार्षद रंजीत यादव और ‘गो फॉर गोमती’ संस्था के स्वयंसेवकों ने स्वयं सफाई कार्य में भाग लिया और उपस्थित लोगों को स्वच्छता के प्रति प्रेरित किया।
नगर निगम के कचरा प्रबंधन को मजबूत बनाने के लिए लायन एनवायरो लखनऊ द्वारा खरीदी गई 51 गाड़ियों में से पहली खेप में आई 06 गाड़ियों को मंत्री शर्मा और महापौर ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। शेष गाड़ियां जल्द ही शहर में सेवा के लिए उतरेंगी।

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आठों क्लस्टर क्षेत्रों सहित शहर के विभिन्न पार्कों और सार्वजनिक स्थलों पर कुल 1000 पौधे लगाए गए। रुद्राक्ष, बरगद, आम, आंवला, मौलश्री, गुड़हल और बॉटल ब्रश जैसे पौधों से हरियाली का संदेश दिया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महापौर सुषमा खर्कवाल ने कहा कि गंगा दशहरा, पर्यावरण दिवस और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन एक साथ आना अत्यंत शुभ है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता भाषणों से नहीं, उदाहरण से आएगी। उन्होंने नगर आयुक्त गौरव कुमार की कार्यशैली की सराहना की और इसे नगर निगम तथा जनता की संयुक्त भागीदारी का परिणाम बताया।
महापौर ने यह भी कहा कि प्लास्टिक के उपयोग को रोकना हम सभी की जिम्मेदारी है। नगर निगम भविष्य में हर दो-तीन महीने पर किसी महापुरुष की जयंती पर आदि गंगा की सफाई करेगा। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने सभी अधिकारियों, पार्षदों, सफाई मित्रों और आम नागरिकों को धन्यवाद देते हुए इसे जनसहभागिता का सफल उदाहरण बताया।