गन्ने के खेत में गुड़ाई कर रही महिला पर बाघ का हमला, मौके पर ही मौत

पीलीभीत टाइगर रिजर्व के पास स्थित गांव खिरकिया बरगदिया में रविवार शाम एक दर्दनाक हादसा हो गया, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। गांव निवासी रामायण की 55 वर्षीय पत्नी लौंग देवी रोज की तरह अपने गन्ने के खेत में गुड़ाई कर रही थीं। खेत हरीपुर जंगल से महज करीब 100 मीटर की दूरी पर है। इसी दौरान जंगल से अचानक एक बाघ खेत में आ धमका और सीधे महिला पर हमला कर दिया।
प्रत्क्षदर्शियों के अनुसार, पास ही खेत में काम कर रहे महिला के पति ने जब यह भयावह दृश्य देखा, तो जोर-जोर से शोर मचाना शुरू कर दिया। शोर सुनकर आसपास के खेतों में काम कर रहे ग्रामीण मौके पर दौड़े और चीख-पुकार मच गई। भारी भीड़ और शोर-शराबा सुनकर बाघ महिला को छोड़कर जंगल की ओर भाग निकला। हालांकि तब तक लौंग देवी की मौके पर ही मौत हो चुकी थी।
घटना की खबर जंगल की आग की तरह पूरे गांव में फैल गई और देखते ही देखते बड़ी संख्या में ग्रामीण घटनास्थल पर जमा हो गए। सूचना पाकर पुलिस और वन विभाग की हरीपुर रेंज टीम मौके पर पहुंची। घटनास्थल पर मौजूद भीड़ बेहद आक्रोशित हो गई और अधिकारियों से मामूली नोकझोंक की स्थिति भी उत्पन्न हो गई। काफी समझाने-बुझाने के बाद पुलिस ने स्थिति को काबू में किया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
स्थानीय प्रशासन और वन विभाग पर उठे सवाल
इस घटना के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग और प्रशासन की लापरवाही पर भी सवाल उठाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जंगल से सटे खेतों में अक्सर जंगली जानवर दिखाई देते हैं, लेकिन इसके बावजूद न तो किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था की गई है और न ही कोई चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं।
पोस्टमार्टम को भेजा गया शव,रिपोर्ट में होगी पुष्टि
हरीपुर रेंज के क्षेत्रीय वनाधिकारी सहीर अहमद ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला किसी जंगली जानवर — संभवतः बाघ — के हमले का लग रहा है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि हमला बाघ ने ही किया या किसी अन्य वन्यजीव ने। उन्होंने कहा कि महिला की मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पूरी तरह स्पष्ट हो सकेगा। साथ ही, विभाग ने आश्वासन दिया है कि जांच के बाद पीड़ित परिवार को अनुशंसित आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
इलाके में दहशत और भय का माहौल
इस घटना के बाद गांव और आसपास के इलाकों में भारी दहशत का माहौल है। लोग खेतों में काम करने से डरने लगे हैं। ग्रामीणों की मांग है कि जंगल से सटे इलाकों में निगरानी बढ़ाई जाए, बाड़बंदी की जाए और लोगों की सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाए जाएं।