गर्मी में बेहाल गौशालाओं के पशु, जिम्मेदार अधिकारी बने लापरवाह

रामनगर। बढ़ती गर्मी में गौशालाओं के पशु बेहाल हैं लेकिन प्रशासन की तैयारियां अधूरी हैं। ब्लॉक रामनगर के सात गौ आश्रय स्थलों में कंहीं दो तो कंहीं तीन टिन शेड बने हैं, लेकिन टाट की बोरियाँ पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल सकीं जिससे शेड के किनारों पर उन्हें सिलकर लगाया जा सके। इससे पशु तेज धूप और गर्म हवा से परेशान हो रहे हैं।

जानकारों के अनुसार, एक गौशाला में कम से कम दो से ढाई सौ टाट की बोरियाँ चाहिए होती हैं ताकि उनके किनारे पर ‘पल्ली’ बनाकर लगाई जा सके। इन पर नियमित पानी का छिड़काव भी आवश्यक है जिससे पशु गर्मी से राहत पा सकें। लेकिन फिलहाल अधिकतर आश्रय स्थलों में बोरी की कमी है और जो उपलब्ध हैं, वे भी उपयोग नहीं की गईं।

सूरतगंज ब्लॉक का भी यही हाल है। यहां कंहीं पचास तो कंहीं साठ बोरी कोटेदारों द्वारा दी गई हैं, लेकिन सौ बोरी तक का आंकड़ा भी पार नहीं हो सका है। बीडीओ द्वारा लगातार बैठकों में निर्देश दिए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।

बीडीओ का कहना है कि उपलब्ध बोरियों को गौशालाओं में लटकवाया जा रहा है और पूर्ति विभाग से लगातार संपर्क में हैं। जैसे-जैसे बोरियाँ मिलती जाएंगी, उनका उपयोग किया जाएगा। पर सवाल यह है कि तब तक इन निरीह पशुओं को तपती धूप से कैसे राहत मिलेगी?

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