ग्रामीण पर्यटन में तेजी से उभर रहा उत्तर प्रदेश: विश्व कृषि पर्यटन दिवस पर 18 जिलों में कार्यक्रम

उत्तर प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए संचालित ‘एग्री रूरल एंड गंगे ग्राम रूरल टूरिज्म परियोजना’ के तहत 18वें विश्व कृषि पर्यटन दिवस-2025 के अवसर पर प्रदेश के 18 जिलों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इन जिलों में वाराणसी, पीलीभीत, चित्रकूट, बाँदा, अयोध्या, लखनऊ, फतेहपुर, कानपुर नगर, कन्नौज, प्रतापगढ़, फर्रुखाबाद, इटावा, औरैया, मथुरा, प्रयागराज, बस्ती, संत कबीर नगर और सहारनपुर शामिल हैं।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से उभरता हुआ राज्य है और ग्रामीण पर्यटन में यहां असीम संभावनाएं हैं। सरकार इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में प्रदेश के 234 गांवों का चयन ग्रामीण पर्यटन ग्राम के रूप में किया गया है, जिनमें से कई गांवों को पर्यटन के लिए तैयार कर लिया गया है। इन गांवों में स्थानीय उत्पाद, व्यंजन, हस्तशिल्प और लोकसंस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है जिससे ग्रामीणों की आय में भी वृद्धि हो रही है।

विश्व कृषि पर्यटन दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के सहयोग से 41 पर्यटन ग्रामों के लोग शामिल हुए। इन कार्यक्रमों में गांवों के प्रतिनिधियों के साथ विकासखंड, जिला और मंडल स्तर के अधिकारी भी उपस्थित रहे। वाराणसी के माधोपुर कोट, कैथी, चंद्रावती और उमराहा-बनकट गांवों में पौधरोपण किया गया, वहीं पीलीभीत में भी वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित हुआ। चित्रकूट के बनाड़ी गांव में बुंदेली लोकगीत प्रतियोगिता और बाँदा के शिवपुर गौर गांव में नौकायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। लखनऊ के बक्शी का तालाब स्थित पर्यटन ग्राम कठवारा के पंचायत भवन में आयोजित कार्यक्रम में कठवारा, ससपन और दशहरी गांवों के 60 लोगों ने भाग लिया, जहां चिकनकारी हस्तशिल्प और ज़री-जरदोज़ी कढ़ाई उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। बस्ती, संत कबीर नगर और सहारनपुर में ‘बिल्ड योर ओन स्केयरक्रो’ विषय पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।