चुनाव आयोग ने मंगलवार को घोषणा की कि अजित पवार गुट ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) है। इसके साथ ही अजित पवार और एनसीपी संस्थापक शरद पवार गुट के बीच पार्टी पर दावे को लेकर महीनों से जारी लड़ाई समाप्त हो गई है। एक आदेश में, आयोग ने अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को एनसीपी का चुनाव चिह्न ‘दीवार घड़ी’ आवंटित किया।
आयोग ने कहा कि निर्णय में ऐसी याचिका की पोषणीयता के निर्धारित पहलुओं का पालन किया गया, जिसमें पार्टी संविधान के उद्देश्यों का परीक्षण, पार्टी संविधान का परीक्षण और संगठनात्मक तथा विधायी दोनों में बहुमत के परीक्षण शामिल थे। आयोग ने आगामी राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर विशेष छूट देते हुए शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट को अपने राजनीतिक दल के लिए एक नाम का दावा करने और तीन प्राथमिकताएं प्रदान करने के लिए बुधवार दोपहर तक का समय दिया।
शरद पवार गुट के एक नेता ने कहा कि अजित पवार गुट को असली राकांपा घोषित करने का निर्वाचन आयोग का फैसला दबाव में लिया गया है। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने कहा, ‘‘यह लोकतंत्र की हत्या है। जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है।” देशमुख ने एक टेलीविजन चैनल से कहा कि निर्वाचन आयोग ने यह फैसला “ऊपर से दबाव” के तहत दिया। उन्होंने इस संबंध में कुछ भी विस्तार से नहीं बताया। वहीं, सुप्रिया सुले ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता शरद पवार के साथ हैं और पवार फिर से पार्टी का निर्माण करेंगे। शरद पवार गुट के एक और नेता जयंत पाटिल ने कहा कि पार्टी सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी।