
9 जून को जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन, मांगें न मानी गईं तो अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी
पीलीभीत, 1 जून।
भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने किसानों की समस्याओं को लेकर आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। आज रविवार को जिला मुख्यालय पर आयोजित मासिक पंचायत में यूनियन ने 9 जून को जिलाधिकारी पीलीभीत का घेराव करने और जोरदार प्रदर्शन की घोषणा की। संगठन ने साफ कर दिया है कि अगर उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करने को बाध्य होंगे।
किसानों की अनदेखी से भड़का भाकियू (भानु)
पंचायत को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष भजन लाल क्रोधी ने कहा,
“कई बार ज्ञापन देने के बावजूद प्रशासन किसानों की समस्याओं पर मौन है। अब हम मजबूरन जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव करेंगे।”
रिश्वत और लापरवाही बनी किसानों की दुश्मन
तहसील अध्यक्ष नंद किशोर राठौर ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा,
“पीलीभीत तहसील में अंश निर्धारण जैसे छोटे कार्यों के लिए भी किसानों से रिश्वत मांगी जाती है। लेखपाल और राजस्व निरीक्षक लापरवाही के साथ काम कर रहे हैं।”
बीसलपुर आंदोलन के आश्वासन भी जमीनी नहीं हुए
जिला महामंत्री अशोक राठौर ने बताया,
“बीसलपुर आंदोलन के दौरान उपजिलाधिकारी ने सात दिनों में समाधान का भरोसा दिया था, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ।”
ब्याजमुक्त ऋण और आवारा पशुओं की समस्या भी एजेंडे में
जिला पत्रकार मोर्चा अध्यक्ष हरिओम बाजपेई ने किसानों के लिए ब्याजमुक्त ऋण की मांग रखी, वहीं अल्पसंख्यक अध्यक्ष निसार शाह ने आवारा पशुओं को गौशालाओं में भेजने की मांग की।
“बिना रिश्वत के नहीं होता कोई काम” — बाबूराम वर्मा
किसान नेता बाबूराम वर्मा ने कहा,
“चकबंदी, चकरोड, विरासत या प्रमाण पत्र—हर काम के लिए रिश्वत देनी पड़ती है। अमरिया तहसील में प्रशासनिक मनमानी चरम पर है।”
सैकड़ों पदाधिकारी रहे मौजूद
पंचायत में वरिष्ठ मंडल उपाध्यक्ष लालू मिश्रा, अल्पसंख्यक सभा महामंत्री डॉ. इसरार अहमद, मीडिया प्रभारी सबलू खान, ब्लॉक अध्यक्ष सुखदेव सिंह, अखिलेश यादव, विजेंद्र सिंह, रामचंद्र, शोभित यादव, डालचंद मौर्य, प्रहलाद प्रसाद, रामगोपाल प्रजापति सहित सैकड़ों पदाधिकारी शामिल हुए।
संगठन का दो टूक संदेश: अब आर-पार की लड़ाई
यूनियन ने साफ कर दिया है कि अब केवल आश्वासन से काम नहीं चलेगा। 9 जून को ज़िला मुख्यालय पर बड़े प्रदर्शन की रणनीति तैयार है। यदि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन अनिश्चितकालीन होगा। यूनियन ने प्रशासन को चेताया है कि वह किसानों की समस्याओं को हल्के में लेना बंद करे, वरना आंदोलन का स्वरूप और भी व्यापक होगा।