रायबरेली (दुर्गेश मिश्रा) अब गांवों के किसान भी मौसम की सटीक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। सरकार की नई पहल के तहत जिले के 11 ब्लॉकों में ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन और 18 ब्लॉकों की 923 ग्राम पंचायतों में ऑटोमेटिक रेन गेज लगाए जाएंगे। इससे किसानों को बारिश, धूप, तापमान, आद्रता और हवा की गति जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकेंगी, जिससे वे फसल उत्पादन से जुड़ी अपनी गतिविधियों की बेहतर योजना बना सकेंगे।
विंड्स योजना के तहत किसानों को लाभ
केंद्र सरकार की इंफ्रास्ट्रक्चर नेटवर्किंग एंड डाटा सिस्टम (विंड्स) योजना के तहत यह व्यवस्था लागू की जा रही है। इस योजना का कार्य स्काईमेट वेदर सर्विस प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा गया है, जो तेजी से सर्वेक्षण कर रही है।
लाखों किसानों को होगा फायदा
अब तक जिले में मौसम की सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं थी, जिससे किसान बड़े शहरों से सूचना प्राप्त करने को मजबूर थे। इस नई योजना से जिले के पांच लाख से अधिक किसानों को सीधा लाभ मिलेगा, जिससे उनकी फसल की बुआई, सिंचाई और उर्वरक के छिड़काव की प्रक्रिया अधिक प्रभावी होगी।
पंचायत सहायकों को मिली जिम्मेदारी
ग्राम पंचायत स्तर पर स्थापित होने वाले 923 ऑटोमेटिक रेन गेज (ARG) और विकास खंड स्तर पर ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन (AWS) की निगरानी पंचायत सहायकों को सौंपी गई है। उन्हें इसके संचालन और देखरेख के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
ब्लॉकवार ग्राम पंचायतों में ARG की संख्या
अधिकारियों की राय
अखिलेश पांडेय, जिला कृषि अधिकारी “ऑटोमेटिक रेन गेज और वेदर स्टेशन जल्द ही सरकारी जमीन पर स्थापित होंगे। इनकी मदद से बारिश, कोहरा, गर्मी और धुंध का आकलन किया जा सकेगा।”
विराट कुमार, महाप्रबंधक, स्काईमेट वेदर सर्विस प्राइवेट लिमिटेड “तेजी से कार्य किया जा रहा है और जल्द ही किसानों को इसका लाभ मिलेगा। सभी ग्राम पंचायतों में ARG और विकास खंड स्तर पर AWS की स्थापना की जा रही है।”