बलि की आशंका: 9 साल के मासूम आरुष की गुमशुदगी में बड़ा खुलासा

पुलिस कांस्टेबल समेत तीन गिरफ्तार, बगीचे में शव की तलाश के लिए खुदाई

रिपोर्टर: मनोज मद्धेशिया, भलुअनी (देवरिया)

भलुअनी थाना क्षेत्र के पठखौली गांव में तीन महीने पहले लापता हुए 9 वर्षीय मासूम आरुष गोंड की बलि दिए जाने की आशंका से सनसनी फैल गई है। पुलिस ने इस मामले में गोंडा में तैनात एक पुलिस कांस्टेबल सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।

16 अप्रैल की शाम आरुष घर से खेलने निकला था, जिसके बाद वह लापता हो गया। उसकी जेब में मोबाइल था, जो उसी शाम से बंद है। पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि आरुष का अपहरण तंत्र-मंत्र और बलि के उद्देश्य से किया गया था। आरोपियों में आरुष के दो सगे फूफा — शंकर और अतुल उर्फ इंद्रजीत (पुलिस कांस्टेबल) और अतुल का मामा जयप्रकाश शामिल हैं, जो झाड़-फूंक का काम करता है।

खुदाई, फोरेंसिक टीम और तंत्र-मंत्र के सुराग

पुलिस ने सदर कोतवाली के पिपरा चंद्रभान स्थित एक बगीचे में आरुष का शव तलाशने के लिए खुदाई कराई। हालांकि वहां शव नहीं मिला, लेकिन फोरेंसिक टीम ने कुछ नमूने और तंत्र-मंत्र से जुड़े कपड़े बरामद किए हैं। पुलिस अधिकारी फिलहाल इस मामले में ज्यादा खुलकर नहीं बोल रहे हैं, लेकिन उनका दावा है कि घटना की गुत्थी जल्द सुलझा ली जाएगी।

पारिवारिक रिश्तों में छिपा है दर्दनाक सच

आरुष की छोटी बुआ शंभा की शादी दिसम्बर 2024 में पुलिस कांस्टेबल अतुल से हुई थी। अतुल ने अपने साढू शंकर और मामा जयप्रकाश के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया। शंकर की आर्थिक स्थिति काफी खराब बताई जा रही है। वो पहले दिल्ली में और अब गोरखपुर के बड़हलगंज में ई-रिक्शा सुधारने का काम कर रहा था, लेकिन उसमें भी असफल रहा। पुलिस को आशंका है कि बलि के साथ-साथ फिरौती के इरादे से भी यह अपहरण किया गया हो सकता है।

मासूम के सपनों पर ब्रेक

आरुष की मां सरिता रो-रोकर बेसुध हैं। उनका कहना है कि बेटे ने अभी पहली कक्षा पास की थी और अब दूसरी में दाखिला लेने की तैयारी चल रही थी। कॉपी-किताबें खरीदी जा चुकी थीं। घर में अब सिर्फ सन्नाटा पसरा है।

पीड़ित परिवार की स्थिति

परिवार में तीन बेटियां और तीन बेटे हैं। आरुष के दादा परशुराम बताते हैं कि उनके दो बेटे नाइजीरिया में नौकरी करते हैं। छोटे बेटे सोमनाथ की शादी अभी नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि बड़ी बेटी दुर्गा, दूसरी बेटी रंभा (जिसकी शादी शंकर से हुई), और सबसे छोटी शंभा (जिसकी शादी अतुल से हुई) — इन सबकी शादी कराई जा चुकी है। उन्होंने कहा, “हमारा हंसता-खेलता परिवार था, पता नहीं किसकी नजर लग गई।”

नाइजीरिया से लौटे पिता

आरुष के अपहरण की खबर पाकर उसके पिता और चाचा हीरालाल, जो नाइजीरिया में नौकरी कर रहे थे, तत्काल भारत लौटे। चार दिन बाद जब वे घर पहुंचे, तो बेटे की गैरमौजूदगी देख दंग रह गए और खुद उसकी तलाश में जुट गए।

चाचा की तहरीर से हुआ केस दर्ज

बच्चे के चाचा सोमनाथ ने अज्ञात के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कराया था। उन्होंने कहा कि “तीन महीने हो गए, लेकिन अब जाकर पुलिस की गंभीरता से उम्मीद जगी है कि हमारे मासूम को न्याय मिलेगा।”