जितेंद्र तिवारी |अमर भारती देवरिया जिले के एकौना थाना क्षेत्र में इंसानियत को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है, जहां रविवार को दिनदहाड़े बेटी के यौन शोषण मामले में मुख्य गवाह बनी मां दुर्गावती देवी को सरेराह गोली मार दी गई। घटना के पीछे पीड़िता को चुप कराने का भयावह प्रयास सामने आया है, जिससे पूरे क्षेत्र में आक्रोश और भय का माहौल व्याप्त है।
घटना पचलड़ी-पलिया बांध मार्ग की है, जहां 50 वर्षीय दुर्गावती देवी, जो अपनी बेटी के साथ हुए दुष्कर्म मामले में मुख्य गवाह थीं, उन्हें बाइक सवार दो अज्ञात युवकों ने उस समय निशाना बनाया जब वे दवा लेकर रुद्रपुर से अपने घर लौट रही थीं। गोली लगते ही महिला लहूलुहान होकर गिर गईं।
स्थानीय लोगों की मदद से महिला को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रुद्रपुर पहुंचाया गया, जहां से उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। प्राथमिक उपचार के बाद पुलिस अधिकारियों ने महिला का बयान दर्ज किया। बयान में दुर्गावती ने हमलावरों की पहचान बताई और कहा कि उन पर बार-बार बयान वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा था। विरोध करने पर उन्हें गोली मार दी गई।
पुलिस पर लापरवाही का आरोप
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस घटनास्थल पर काफी देर से पहुंची, जिससे हमलावर आराम से भाग निकले। इससे एक बार फिर पुलिस की तत्परता और “जीरो टॉलरेंस” नीति पर सवाल खड़े हो गए हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना पर अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी अरविंद कुमार वर्मा, फॉरेंसिक टीम और एसओजी मौके पर पहुंचे। अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया,
“थाना एकौना को सूचना मिली कि एक महिला घायल अवस्था में मिली है। मौके पर पुलिस पहुंची और घायल को अस्पताल भेजा गया। महिला के पति गुलाब यादव ने थाने में तहरीर दी है, जिसमें उनकी पुत्री ममता यादव और तीन सहयोगियों को नामजद किया गया है। मामले की जांच जारी है।”
महिला की सुरक्षा बढ़ाई गई
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने मामले की सभी पहलुओं से जांच के आदेश दिए हैं। हमलावरों की तलाश के लिए विशेष टीम का गठन कर दिया गया है और महिला की सुरक्षा के लिए कड़े इंतज़ाम किए गए हैं।
कानून व्यवस्था पर गहरे सवाल
यह वारदात न केवल न्याय के लिए लड़ रहे लोगों को खतरे में डालने का संकेत है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि अपराधियों में कानून का कोई डर नहीं बचा। समाज और प्रशासन को मिलकर ऐसे मामलों में त्वरित और कठोर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके और अपराधियों में भय बना रहे।