मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा को यूं ही जीत नहीं मिली, बल्कि भाजपा संगठन ने जीत के लिए डेढ़ साल से योजना पर काम किया कि कैसे बूथ जीता जाए। भाजपा के सबसे बड़े चुनावी रणनीतिकार अमित शाह के इस मंत्र को प्रदेश इकाई ने जमीन पर उतारने के लिए कमर कस लिया था। इसमें संगठन के बूथ प्रबंधन की बड़ी भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अंतिम चरण में जिस तैयारी ने भाजपा के पक्ष में चमत्कारिक काम किया है, वो है पार्टी का बूथ मैनेजमेंट।
भाजपा ने इसके लिए लंबी तैयारी की थी। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की इस बिसात पर कांग्रेस के 150 वाले नारों की हवा निकल गई। हितधारियों को बूथ तक लाने में भाजपा सफल रही है और डेढ़ साल से चल रही बूथ मैनेजमेंट स्कीम ने बाजी पलट दी। इस जीत में मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल की कार्य कुशलता व मीडिया के जरिए जन मानस में भाजपा के प्रति विश्वास पैदा करने की भूमिका भी प्रमुख रही।
27 जून को भाजपा ने भोपाल में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं का राष्ट्रीय सम्मेलन किया था। पीएम मोदी ने मध्यप्रदेश भाजपा की इस पहल को खूब सराहा था। बूथ प्रबंधन के लिहाज से यह टर्निंग प्वाइंट था। इसमें मोदी ने पार्टी को बूथ जीतने का मूलमंत्र दिया था।