प्रयागराज, 05 मार्च। त्रिवेणी के तट पर आयोजित महाकुंभ 2025 ने इतिहास रच दिया। 45 दिनों तक चले इस महायोजन में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आगमन के बाद संगम के घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ ने मेला प्रशासन को महाकुंभ के बाद संगम के लिए नया रोडमैप बनाने को प्रेरित किया है।
महाकुंभ की सतत अनुभूति का साक्षी बन रहा त्रिवेणी संगम
प्रयागराज महाकुंभ में उमड़ा आस्था का महासैलाब प्रशासन के सभी अनुमानों से परे रहा। विशेष रूप से बसंत पंचमी के तीसरे और अंतिम अमृत स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने यह संकेत दिया कि यह सनातन संस्कृति की अटूट आस्था और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है।
महाशिवरात्रि के बाद भी संगम के घाटों पर जुट रही श्रद्धालुओं की भीड़ यह दर्शाती है कि महाकुंभ की अनुभूति निरंतर बनी रहेगी। दिल्ली से संगम में स्नान करने आए विजयकांत ने कहा, “हमने महाकुंभ के अमृतकाल में भी पुण्य की डुबकी लगाई और अब भीड़ कम होने पर परिवार सहित उसी अनुभूति के साथ संगम स्नान कर रहे हैं।”
मध्य प्रदेश के दमोह से आए शशिकांत मदेशिया ने कहा, “त्रिवेणी संगम का जल महाकुंभ के बाद भी उतना ही पवित्र और पुण्यदायी है।”
श्रद्धालुओं के सतत आगमन को देखते हुए मेला प्रशासन ने संगम क्षेत्र को नव्य स्वरूप देने की योजना पर कार्य शुरू कर दिया है।
संगम क्षेत्र को नव्य स्वरूप देने के लिए प्रशासन की तैयारी
महाकुंभ 2025 में उमड़े श्रद्धालुओं के कारण प्रयागराज, अयोध्या और काशी का एक आध्यात्मिक पर्यटन त्रिकोण उभरकर सामने आया है। मेला प्राधिकरण इसी ट्रेंड को देखते हुए आगे बढ़ रहा है।
एडीएम मेला विवेक चतुर्वेदी ने कहा कि महाकुंभ के समापन के बाद भी संगम क्षेत्र में महाकुंभ की सुविधाएं हटाई नहीं जाएंगी।
अब अर्धकुंभ 2031 तक संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए कई बुनियादी सुविधाएं स्थायी रूप से उपलब्ध कराई जाएंगी, जिनमें शामिल हैं—
सड़कें और आवागमन सुविधाएं
पेयजल के लिए वाटर एटीएम
चौबीसों घंटे बिजली और रोशनी व्यवस्था
वाहन पार्किंग क्षेत्र और पुलिस बल की तैनाती
मोबाइल शौचालय और चेंजिंग रूम
इसके अतिरिक्त, पहली बार संगम क्षेत्र में टैक्सी सेवा और फूड कोर्ट जैसी सुविधाएं भी दी जाएंगी। इन सबके लिए अलग बजट आवंटित किया जाएगा।
मंदिरों के कॉरिडोर, पक्के घाट और नए निर्माण बनेंगे पर्यटन के केंद्र
महाकुंभ 2025 के दौरान शहर में विकसित किए गए विभिन्न मंदिर कॉरिडोर संगम आने वाले पर्यटकों के लिए नए पर्यटन स्थल बन सकते हैं।
🔹 हनुमान मंदिर कॉरिडोर और अक्षयवट कॉरिडोर श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहे हैं।
🔹 संगम क्षेत्र में वाराणसी के घाटों की तर्ज पर भव्य आरती की योजना तैयार की जा रही है।
एडीएम मेला विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि “श्रद्धालुओं के बढ़ते रुझान को देखते हुए संगम और आसपास के क्षेत्रों में स्थायी पक्के घाट विकसित किए जाएंगे, जहां नियमित रूप से गंगा आरती का आयोजन होगा।”
संगम को बनेगा ग्लोबल टूरिस्ट डेस्टिनेशन
महाकुंभ 2025 की सफलता के बाद योगी सरकार की योजना है कि संगम क्षेत्र को विश्व स्तरीय आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाए। पूरे साल संगम में श्रद्धालुओं की निरंतर आवाजाही को बनाए रखने के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों की श्रृंखला शुरू की जाएगी।
➡ महाकुंभ के समापन के बाद भी प्रयागराज संगम क्षेत्र में आस्था की सतत अनुभूति बनी रहेगी।
➡ प्रशासन की योजनाओं से संगम क्षेत्र को स्थायी पर्यटन केंद्र में तब्दील किया जाएगा।
➡ श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ आध्यात्मिक माहौल मिलेगा।