सुरक्षित महाकुंभ बनाने में यूपी फायर एवं इमरजेंसी सर्विसेज की अहम भूमिका
प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित महाकुंभ 2025 में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया। 4000 हेक्टेयर में फैले और 25 सेक्टरों में विभाजित महाकुंभ नगर में हर दिन लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही थी। इस विशाल आयोजन के दौरान यूपी अग्निशमन विभाग ने अपने अत्याधुनिक उपकरणों और सतर्कता से 185 अग्नि दुर्घटनाओं को नियंत्रित किया, जिसमें 24 गंभीर घटनाएं भी शामिल थीं। विभाग की कुशलता से किसी भी श्रद्धालु की जान नहीं गई और 16.5 करोड़ रुपये से अधिक की संभावित धन हानि को रोका गया।
महाकुंभ में 24 गंभीर और कुल 185 अग्नि दुर्घटनाओं पर पाया नियंत्रण
महाकुंभ 2025 को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने में यूपी अग्निशमन विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण रही। विभाग ने 45 दिनों के आयोजन में 185 अग्नि दुर्घटनाओं को बिना किसी जनहानि के नियंत्रित किया।
बड़ी घटनाओं पर त्वरित नियंत्रण
- सबसे बड़ी आग 19 जनवरी को सेक्टर-19 में सिलेंडर फटने के कारण लगी, लेकिन विभाग ने तुरंत कार्रवाई कर आग पर नियंत्रण पाया और श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला।
- 86 छोटी घटनाओं को भी बिना किसी नुकसान के काबू में किया गया।
- कुछ टेंट और तंबू जले, लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई।
- 8 पशुओं को भी सफलतापूर्वक बचाया गया।
अत्याधुनिक उपकरणों और त्वरित कार्रवाई से सुरक्षित हुआ महाकुंभ
महाकुंभ की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 25 सेक्टरों में 50 अग्निशमन केंद्र और 20 फायर चौकियां स्थापित की गई थीं। इस दौरान 2200 प्रशिक्षित अग्निशमन कर्मी तैनात रहे।
उपयोग किए गए आधुनिक संसाधन
- 351 अग्निशमन वाहन
- 4 आर्टिकुलेटिंग वाटर टावर (थर्मल और वीडियो कैमरों से लैस)
- क्विक रिस्पांस व्हीकल (QRV)
- ऑल-टेरेन व्हीकल (ATV)
- अग्निशमन रोबोट और फायर मिस्ट बाइक
- हाउसबोट और पांटून पुलों पर अग्निशमन नावें (जो नदी के पानी का इस्तेमाल करके आग बुझा सकती हैं)
यूपी अग्निशमन विभाग का त्वरित रिस्पांस बना सफलता की कुंजी
अत्याधुनिक तकनीक, प्रशिक्षित कर्मियों और त्वरित रिस्पांस के कारण यूपी अग्निशमन विभाग ने महाकुंभ को पूरी तरह सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की “सुरक्षित महाकुंभ” की परिकल्पना को साकार करने में विभाग की यह उपलब्धि सराहनीय रही।