
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान ने प्रदेश के समस्त जिला अधिकारियों को पत्र प्रेषित कर महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित कराए जाने की अपेक्षा की है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में आवागमन के विभिन्न सार्वजनिक संसाधनों—ई-रिक्शा, ओला कैब, ऊबर कैब, रैपिडो, ऑटो, टेंपो आदि—पर वाहन चालक का नाम, मोबाइल नंबर और पहचान का विवरण स्पष्ट रूप से अंकित कराया जाए। साथ ही, टैक्सी वाहनों में चाइल्ड लॉक की सुविधा भी हटाई जाए।
उन्होंने यह भी निर्देशित किया है कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों के निर्जन स्थलों, बालिका विद्यालयों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित विद्यालयों पर तत्काल प्रभाव से सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। महिलाओं के आवागमन के सार्वजनिक स्थलों पर पुलिस गश्त, मोबाइल वैन तथा दोपहिया वाहनों की संख्या बढ़ाई जाए, तथा गश्त की प्रगति और दैनिक कार्रवाई की समीक्षा क्षेत्राधिकारी स्तर के अधिकारी द्वारा प्रतिदिन नियमित रूप से की जाए।
डॉ. चौहान ने यह भी कहा है कि प्रदेश के प्रत्येक थाने के अंतर्गत अवांछित तत्वों की पहचान कर उन पर कड़ी निगरानी रखी जाए और उनके क्रियाकलापों पर नियमित रूप से सतर्क दृष्टि रखी जाए। उन्होंने निर्देश दिया है कि प्रदेश के सभी जनपदों में महिला अपराधों की रोकथाम हेतु महिला पुलिस अधिकारी सहित विशेष पुलिस बल का गठन किया जाए, जिनके संपर्क नंबर सार्वजनिक स्थलों पर अंकित कराए जाएं। यह विशेष पुलिस बल विद्यालयों, सार्वजनिक आवागमन स्थलों, शॉपिंग मॉल्स और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर नियमित भ्रमण कर उपस्थित जन समुदाय को महिला हेल्पलाइन नंबरों तथा विशेष पुलिस बल के नंबरों की जानकारी प्रदान करे।
प्रदेश में महिला अपराधों की रोकथाम हेतु संचालित सभी गतिविधियों की जानकारी राज्य महिला आयोग को भी नियमित रूप से भेजी जाए।