
पीलीभीत।
शहर से सटी नगर पंचायत नौगवां पकड़िया में धार्मिक अनुष्ठान के दौरान प्रसाद में वितरित लड्डू खाने से एक ही परिवार के सात सदस्य अचानक बीमार हो गए। सभी को उल्टियां होने लगीं और हालत बिगड़ने पर उन्हें आसपास के लोगों की मदद से मेडिकल कॉलेज भर्ती कराया गया। चिकित्सकों ने फूड प्वाइजनिंग की पुष्टि की है। परिवार ने मावा में मिलावट या खराबी की आशंका जताई है, जिससे यह हादसा हुआ।
धार्मिक आयोजन के लिए लाया गया था मावा, बना लड्डू बन गया खतरा
नौगवां पकड़िया निवासी मनीष गुप्ता के घर सोमवार को धार्मिक अनुष्ठान था। उन्होंने रविवार रात शहर की एक दुकान से 400 रुपये किलो के हिसाब से मावा खरीदा था। सोमवार को घर की महिलाओं ने इस मावे से लड्डू तैयार किए और पूजा में प्रसाद के रूप में बांटे गए। प्रसाद खाने के कुछ ही देर बाद सबसे पहले परिवार की उर्मिला गुप्ता (55), बिंदु गुप्ता (39) और अंजलि गुप्ता (26) की तबीयत बिगड़ गई।
गर्मी समझते रहे परिजन, फिर मासूम बच्चियों की हालत बिगड़ने से मची खलबली
शुरुआत में परिजन इसे गर्मी का असर मानते रहे, लेकिन कुछ ही देर बाद परिवार की तीन बच्चियों—तनिष्का (13), नंदिनी (10) और दिशा (10)—की भी तबीयत बिगड़ गई। लड्डू खाने के मात्र दस मिनट के भीतर सभी को पेट दर्द और उल्टी की शिकायत होने लगी। पूरे परिवार में अफरा-तफरी मच गई और आसपास के लोग भी मौके पर जुट गए। सभी बीमारों को तत्काल मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां चिकित्सकों ने फूड प्वाइजनिंग का कारण मावे को बताया।
एफएसडीए का गैरजिम्मेदाराना रवैया, जांच से झाड़ा पल्ला
परिजनों ने जब मावा की गुणवत्ता की जांच के लिए फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफएसडीए) टीम को सूचना दी, तो टीम की प्रतिक्रिया चौंकाने वाली रही। आरोप है कि एफएसडीए टीम ने कहा कि परिवार खुद मावा का सैंपल लेकर उनके पास पहुंचे, तभी जांच की जाएगी। इस गैरजिम्मेदाराना रवैये से आहत परिजन अब प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत करने की तैयारी में हैं। सोमवार शाम तक प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं मिला।
आज दर्ज कराई जाएगी आधिकारिक शिकायत
परिजनों ने बताया कि वह मंगलवार को इस मामले को लेकर औपचारिक शिकायत दर्ज कराएंगे ताकि दोषी दुकानदार और लापरवाह विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई हो सके। फिलहाल सभी सात मरीजों का मेडिकल कॉलेज में उपचार जारी है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
लोगों में आक्रोश, मिलावटी खाद्य पदार्थों पर कार्रवाई की मांग
घटना के बाद से स्थानीय लोगों में भी रोष है। लोगों का कहना है कि त्योहारों और धार्मिक आयोजनों के दौरान मिलावटी मावे की बिक्री आम बात हो गई है, लेकिन एफएसडीए जैसी एजेंसियां कागज़ी खानापूर्ति तक सीमित हैं। लोग मांग कर रहे हैं कि इस मामले की गहन जांच हो और संबंधित दुकान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।