
लखनऊ। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को जीरो पॉवर्टी अभियान के तहत चिन्हित परिवारों के युवाओं के उन्नयन और उन्हें विकास की मुख्य धारा से जोड़ने हेतु इन्वेस्ट यूपी सभागार, पिकप भवन, गोमतीनगर में एक महत्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन हुआ। संगोष्ठी में प्रदेश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों, हॉस्पिटैलिटी, कंस्ट्रक्शन और अन्य सेवा उद्योगों से जुड़े प्रतिष्ठानों एवं विभिन्न बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

मुख्य सचिव ने कहा कि जीरो पॉवर्टी अभियान का उद्देश्य प्रदेश के निर्धनतम परिवारों को भोजन, वस्त्र, चिकित्सा, शिक्षा और आवास जैसी मूलभूत सुविधाएं प्रदान करना है। साथ ही उनके लिए सतत आय के साधन सुनिश्चित कराना भी लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि चिन्हित परिवारों के युवाओं को कौशल विकास के माध्यम से जीविकोपार्जन के लिए आत्मनिर्भर बनाया जाए ताकि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें और गरीबी से बाहर निकल सकें।

प्रमुख सचिव व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता डॉ. हरिओम ने जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के तहत वर्तमान में 13.57 लाख अत्यंत गरीब परिवारों के युवक-युवतियों को रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण पूरी तरह निःशुल्क है जिसमें पाठ्यसामग्री, दो यूनिफॉर्म और ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग की भी व्यवस्था की गई है। प्रशिक्षण राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (NCVET) से मान्यता प्राप्त है और प्रशिक्षण के अंत में प्रमाणपत्र भी प्रदान किया जाता है।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षणार्थियों को सॉफ्ट स्किल जैसे अंग्रेजी भाषा, संवाद कौशल, बायोडाटा निर्माण, सामान्य कंप्यूटर ज्ञान और औद्योगिक व्यवहार का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे वे रोजगार के लिए पूर्ण रूप से तैयार हो सकें।
संगोष्ठी का आयोजन उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा किया गया था जिसका उद्देश्य अत्यंत निर्धन परिवारों के युवाओं को चिन्हित कर उन्हें रोजगारपरक प्रशिक्षण प्रदान करना और उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर समाज की मुख्यधारा में लाना है। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न क्षेत्रों के बीच समन्वय और सहयोग को मजबूत करने तथा रोजगार सृजन के साझा प्रयासों पर भी चर्चा हुई।