देश आज 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को लोगों से भाईचारे के साथ रहने का संदेश देते नजर आए। उन्होंने कहा कि भारत में कुछ ही वर्षों में विश्व गुरू बनने की क्षमता है। सर संघचालक भागवत भारत के 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर नागपुर में संघ मुख्यालय पर तिरंगा फहराने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘आज हम देख रहे हैं कि हम धर्म के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। यह शक्ति कहां से आई? यह शक्ति हमेशा से थी। 22 जनवरी को (राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ) एक वातावरण बना है। इसी तरह आज के दिन भी एक वातावरण बना है। यह वातावरण एक ही दिन रहने की अपेक्षा नहीं की जाती।” संघ प्रमुख ने कहा कि सरकार की संविधान का संरक्षण करने की ‘तकनीकी’ जिम्मेदारी है, लेकिन नागरिक इसमें अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
भागवत ने कहा कि भारत में हमेशा से उठ खड़े होने की क्षमता थी, लेकिन परिणाम तभी आते हैं जब लोग भाईचारे के साथ रहते हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी ने 40 वर्ष पहले ‘भारतवर्ष’ के उदय की बात कही होती तो हमारे अपने ही लोगों ने इस बात को मजाक में उड़ा दिया होता। उन्होंने कहा, ‘‘हम अलग दिख सकते हैं, हमारे देश में विविधता को स्वीकार करने की परंपरा है। हमें भाईचारे के साथ रहना चाहिए और संविधान के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए। देश तभी प्रगति की ओर अग्रसर होगा।”