वेटरनरी कॉलेज निर्माण से टूटी सड़क, उड़ती धूल से परेशान लोग


ताल नदौर में मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट से उपजा संकट, ग्रामीणों व विद्यार्थियों की सांसें अटकीं

गुणा नंद ध्यानी| महावीर छपरा (बेलीपार)। ताल नदौर में बन रहे वेटरनरी कॉलेज के निर्माण कार्य में दिन-रात दौड़ते डंपर और ट्रकों ने सड़क को गड्ढों में तब्दील कर दिया है। जिला पंचायत के माध्यम से बनी यह उपसड़क गोरखपुर-वाराणसी मार्ग से जुड़ी है, जो सीधे वेटरनरी कॉलेज की ओर जाती है। लेकिन अब यह सड़क आवागमन का जरिया कम, धूल-धुएं का अजगर ज्यादा बन चुकी है।

सड़क पर प्रतिदिन मिट्टी से लदे पचासों डंपर और भारी वाहन गुजरते हैं। जिससे लगभग एक किलोमीटर लंबी सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। गाड़ियों के चलने से इतना धूल उठता है कि दिन में भी अंधेरे जैसा माहौल हो जाता है। यह धूल न केवल देखने में असहनीय है, बल्कि लोगों की सेहत पर भी बुरा असर डाल रही है।

इस मार्ग पर चार प्रमुख शिक्षण संस्थान — डॉ. राम मनोहर लोहिया महाविद्यालय, फेनमैन, लिटिल स्कॉलर एकेडमी, और शगुन कॉलेज ऑफ हायर एजुकेशन स्थित हैं। इन संस्थानों में हजारों विद्यार्थी, शिक्षक, कर्मचारी और अभिभावकों की प्रतिदिन आवाजाही होती है। लेकिन टूटी सड़क और उड़ती धूल ने सबके लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

प्राचार्य महेश कुमार (डॉ. राम मनोहर लोहिया महाविद्यालय) ने बताया,

“हमारे कॉलेज में स्नातक स्तर की परीक्षाएं चल रही हैं। परीक्षार्थी अपने अभिभावकों के साथ आते हैं, लेकिन रास्ते की दुर्दशा से उनका पहुंचना ही चुनौती बन गया है।”

शगुन कॉलेज ऑफ हायर एजुकेशन के पीआरओ सुरेन्द्र कुमार ने कहा,

“हमारी संस्था में ट्रेनिंग कोर्स चलते हैं। प्रशिक्षुओं और कर्मचारियों को रोजाना इस धूलभरी और टूटी सड़क से होकर गुजरना पड़ता है। यह स्थिति स्वास्थ्य और सुरक्षा दोनों के लिहाज से चिंताजनक है।”

स्थानीय लोगों का कहना है कि बेंसा प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कराया जा रहा यह निर्माण कार्य मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है, फिर भी निर्माण कंपनी की ओर से सड़क सुरक्षा और धूल नियंत्रण के कोई उपाय नहीं किए जा रहे हैं। न तो सड़क पर पानी डाला जा रहा है, न ही मरम्मत करवाई जा रही है।

ग्रामीणों और विद्यालयों से जुड़े लोगों ने मांग की है कि जल्द से जल्द सड़क की मरम्मत कर उस पर नियमित रूप से पानी का छिड़काव कराया जाए ताकि धूल से राहत मिल सके। साथ ही, निर्माण कंपनी को सामाजिक जिम्मेदारी समझते हुए स्थानीय जनता की तकलीफों का समाधान करना चाहिए।