
स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही चरम पर, मरीज बेहाल
अमर भारती ब्यूरो | रिपोर्टर: गंगेश पाण्डेय
सलेमपुर/देवरिया।
सलेमपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर तैनात चिकित्सकों की लापरवाही अब किसी से छुपी नहीं रही। सरकारी नियमों को ठेंगा दिखाते हुए डॉक्टर मनमर्जी से आते-जाते हैं, जबकि अधीक्षक इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। सरकारी अस्पताल का समय सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक निर्धारित है, लेकिन यहां यह नियम लागू नहीं होता।
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, सोमवार सुबह एक मरीज अपने परिजन के साथ अस्पताल पहुंचा, तो देखा कि सुबह 8:40 बजे तक महिला चिकित्सक के कमरे में ताला लटक रहा था, नेत्र विभाग का भी यही हाल था। अन्य डॉक्टरों के कक्ष भी बंद थे।

हैरत की बात यह है कि एक डॉक्टर को छोड़कर कोई भी चिकित्सक समय से मौजूद नहीं था। कुछ डॉक्टर ऐसे भी हैं, जिनकी तैनाती किसी और अस्पताल में है, लेकिन वे यहां बैठते पाए जाते हैं।
इस लापरवाही की खबरें पहले भी कई बार समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित हो चुकी हैं। शुरुआत में थोड़ी बहुत सख्ती जरूर दिखाई गई, लेकिन कुछ ही दिनों में हालात फिर जस के तस हो गए।
प्रशासनिक चुप्पी पर सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि अधीक्षक अतुल कुमार को कई बार इन स्थितियों से अवगत कराया गया, लेकिन उन्होंने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। सवाल उठता है कि क्या अधीक्षक की मिलीभगत से यह सब हो रहा है? या फिर डॉक्टरों के रसूख के सामने प्रशासन भी बेबस है?
सीएमओ ने दिया आश्वासन
इस पूरे मामले पर जब मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. अनिल गुप्ता से बात की गई, तो उन्होंने कहा,
“मामला संज्ञान में आया है, जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।”
मरीजों की लगातार बढ़ती परेशानी और स्वास्थ्य सेवाओं में गिरावट को देखते हुए अब सवाल यही है कि क्या इस लापरवाही पर कोई ठोस कदम उठाया जाएगा या फिर यह केवल जांच के नाम पर खानापूर्ति बनकर रह जाएगा?