तालाब गाटा संख्या 71 के अधिकांश भाग को पाटकर खड़े कर लिए गए आलीशान मकान
खीरी टाउन तहसील लखीमपुर के अंतर्गत कस्बा व नगर पंचायत खीरी टाउन के मोहल्ला हर्निया टोला में स्थित तालाब गाटा संख्या 71 जो नगर पंचायत खीरी के अभिलेखों में तालाब के रूप में दर्ज कागजात है उक्त तालाब के 30 डेसिमल भू भाग को पाट कर अवैध अतिक्रमण कर उस पर पक्का निर्माण कर लिए जाने का मामला जन चर्चा का विषय बना है और अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत खीरी व क्षेत्रीय लेखपाल सहित तहसील के जिम्मेदार मामले पर मौन साधे बैठे हैं एक तरफ जहां देश की सर्वोच्च न्यायपालिका तालाबों को अवैध कब्जा मुक्त करके उनको उनके वास्तविक आकार व स्वरूप में वापस लाने व तालाबों को संरक्षित करने का आदेश पारित करते हुए पारित आदेश का प्रभावी अनुपालन कराए जाने का आदेश प्रदेश की सरकारों को दिए जा रहे हैं और प्रदेश सरकार द्वारा समस्त जिला अधिकारी और राजस्व विभाग के जिम्मेदारों को तालाबों पर से अवैध अतिक्रमण हटवा कर तालाबों को उनके वास्तविक स्वरूप में वापस लाने के आदेश दिए जा रहे हो पर शासन के आदेशों का कोई भी असर जनपद खीरी की तहसील लखीमपुर के प्रशासन पर पड़ता नजर नहीं आ रहा है और ना ही नगर पंचायत खीरी के जिम्मेदारों पर न्यायालय के आदेश का असर दिखाईनहीं पड़ रहा है जिसके चलते कथित भूमाफिया तालाब को पाट कर उस पर प्लाटिंग व पक्का निर्माण करते देखे जा सकते हैं ताजा मामला कस्बा खीरी टाउन के हानियां टोला स्थित तालाब गाटा संख्या 71 का है सूत्र बताते हैं उक्त भूभाग पर अवैध कब्जा कर उस पर पक्का निर्माण कराए जाने का का मामला काफी अखबारी सुर्खियां बना था सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार यह कोई पहला मामला नहीं है ऐसे कई अन्य तालाबों को पाट कर अवैध तरीके से उस पर प्लाटिंग कर करोड़ों का खेल किया जा चुका है और वर्तमान में भी बेखौफ जारी है उपरोक्त मामले पर जिम्मेदार मौन सादे बैठे हैं बताते चले कि दिनांक 24 जून 2020 में तालाब खोजो और तालाब बचाओ अभियान के अंतर्गत नगर पंचायत और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम द्वारा किए गए सर्वे के बाद संयुक्त टीम द्वारा दी गई अपनी रिपोर्ट में उक्त तालाब गाटा संख्या 71 पर अवैध कब्जा की पुष्टि होने की रिपोर्ट प्रेषित की थी इसके बाद उक्त अवैध कब्जों के ध्वस्तीकरण के भी आदेश होने की बात जागरूक लोगों द्वारा बताई गई थी लेकिन तहसील प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी की अवैध कबजेदारों के साथ हुई सेटिंग गेटिंग के चलते इस ध्वस्तीकरण आदेश को फाइलों में दफन कर दिया गया था जिसके चलते सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद और संयुक्त टीम द्वारा किए गए सर्वे में तालाब पर अवैध कब्जे की पुस्टि होने व ध्वस्तीकरण आदेश जारी होने के बावजूद आज तक इस तालाब से अवैध कब्जा नहीं हटाया जा सका है उक्त तालाब से अवैध कब्जा न हटाया जाना तहसील प्रशासन व नगर पंचायत प्रशासन की मिली भगत की ओर इशारा कर रहा है यही कारण है आज कथितभू माफियाओं द्वारा बेखौफ़ हो कर तालाबों का वजूद मिटाया जा रहा है और जिम्मेदार मौन सादे बैठे सब कुछ देख रहे हैं लोगों का कहना है कि यदि जिला अधिकारी खीरी ले मामले का संज्ञान और टीम गठित कर कराये जांच व करें कार्यवाही तो तालाबों के अस्तित्व को काफी हद तक बचाया जा सकता है अब देखना यह है कि नगर पंचायत खीरी व तहसील प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है उक्त तालाब पर से अवैध कब्जा हटवाया जाता है या यूं ही अवैध पक्के निर्माण बने रहेंगे.
क्या कहते है जिम्मेदार-
उक्त मामले पर जब अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत खीरी से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने बताया हानियां टोला में स्थित तालाब गाटा संख्या 71 पर अवैध कब्जा अथवा पक्का निर्माण होने की उन्हें कोई जानकारी नहीं है जबकि वर्ष 2020 में तहसील प्रशासन और नगर पंचायत प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा जांच कर दी गई रिपोर्ट में तालाब पर आधा दर्जन लोगों का अवैध कब्जा होने की पुस्टि भी हुई थी.
वहीं क्षेत्रीय लेखपाल है मनोज वर्मा से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उनका फोन न लगने के चलते उनके पक्ष की जानकारी नहीं हो सकी.