लखीमपुर खीरी। फूलबेहड़ थाना क्षेत्र के बसैगापुर स्थित चभाल सहकारी कृषि समिति की 258 एकड़ जमीन पर फर्जीवाड़े और अवैध कब्जे का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मुख्य आरोपी चंद्रप्रकाश अरोरा पुत्र रोशनलाल को हाईकोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया, जिससे प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
इस मामले में चंद्रप्रकाश अरोरा ने फर्जी बैनामों के आधार पर कृषि समिति की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की थी। जैसे ही सहकारी समिति के सदस्य सरदूल सिंह ने उच्च अधिकारियों से शिकायत की, जिलाधिकारी खीरी और जिला सहायक निबंधक सहकारी समितियों के निर्देश पर एसडीएम स्तर से जांच कराई गई। जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई, जिसके बाद चंद्रप्रकाश द्वारा कराए गए फर्जी बैनामों के दाखिल-खारिज पर तत्काल रोक लगा दी गई।
प्रशासन ने इस जमीन को कृषि कार्य से सुरक्षित रखने के लिए एक स्पष्ट निर्देश जारी किया। समाचार पत्रों में प्रकाशित नोटिस में साफ तौर पर बताया गया कि “यह 258 एकड़ भूमि चभाल सहकारी कृषि समिति फार्म की है, इस पर कोई भी व्यक्ति जुताई-बुआई नहीं करेगा।” decades से इस जमीन पर फर्जी कागजों के आधार पर कब्जा जमाए भू-माफिया अब प्रशासनिक कार्रवाई से बैकफुट पर आ गए हैं।
इन्हीं कार्रवाइयों को निरस्त करवाने और राहत पाने की नीयत से चंद्रप्रकाश हाईकोर्ट पहुंचे थे, परंतु न्यायालय ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया। इस निर्णय से जमीन माफियाओं के खिलाफ सख्त रुख अपनाए प्रशासन को बड़ी सफलता मिली है।
रिपोर्ट: हरिशंकर मिश्र / के.के. शुक्ला