सरकार के साथ चार बार बात करने के बाद भी अभी तक कोई भी नतीजा नहीं निकल पाया है। हालांकि बुधवार को सरकार ने एक बार फिर से बातचीत करने का न्योता दिया है। इससे पहले भी कोई हल न निकलने पर किसान दिल्ली की तरफ कूच करने के लिए सड़कों पर उतर आए। इस वक्त बॉर्डर पर स्थिति ऐसी है कि किसान और जवान दोनों एक दुसरे के सामने आ गए हैं। किसान आंदोलन में शामिल 14 हजार किसान अपने 1200 ट्रैक्टरों के साथ डटे हुए हैं और लगातार आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।
इसी के कारण शंभू और खनौरी बॉर्डर पर स्पेशल अलर्ट जारी कर दिया है। पंजाब के DGP ने सभी रेंज के ADG, IGP और DIG को पत्र लिखकर कहा है कि वे किसी भी हालत में भारी वाहन जैसे, पोकलेन, जेसीबी, टिपर और हाइड्रा को पंजाब-हरियाणा की खनौरी और शंभू बॉर्डर की तरफ आगे न बढ़ने दें। शंभू बॉर्डर पर स्थिति बिगड़ी तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे हैं। लगातार बढ़ती अस्थिरता को मद्दे नजर रखते हुए सरकार ने एक बार फिर बातचीत का न्योता दिया है।
कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार को कहा कि, किसानों के सारे विषयों पर चर्चा करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि, चर्चा के माध्यम से ही समाधान मुमकिन है, इसलिए चर्चा हो इसके लिए आमंत्रित किया है।उन्होंने किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की और साथ ही कहा कि, संयमित ढंग से समस्या का हल निकालें। कृषि मंत्री ने कहा कि ‘हम यही अपील करेंगे की पांचवीं दौर की बैठक के लिए हमें फिर से आगे बढ़ना चाहिए। ऐसे मुद्दे पर संवेदनशील होकर पक्ष रखें और सरकार भी यही चाहती है कि इस मुद्दे पर वार्ता के माध्यम से आगे बढ़ना है।’ चौथे दौर की बातचीत के बाद किसान संगठनों की प्रतिक्रिया को देखते हुए, हम फिर पांचवें दौर की बैठक के लिए तैयार है। हम इन सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार है, चाहे वह MSP का हो, FIR का हो, कोई भी मुद्दा हो, हम फिर से बैठकर इस पर समाधान के लिए तैयार हैं। हम जब बातचीत करेंगे तो आपसी सौहार्द के वातावरण में समाधान के रास्ते निकलते हैं।