चार पहर में करें भगवान शिव का पूजन-अर्चन
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नई दिल्ली। भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाहोत्सव ‘महाशिवरात्रि’ का पर्व कल यानी 11 मार्च (गुरुवार) को है। इस साल महाशिवरात्रि पर कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। महाशिवरात्रि पर श्रवण-धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शिव योग और सिद्धि योग बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, महाशिवरात्रि पर इन शुभ संयोगों का मिलन करीब 100 साल बाद हो रहा है। ऐसे में महाशिवरात्रि के पर्व का महत्व और बढ़ रहा है।
23 घंटे रहेगा योग
इस साल महाशिवरात्रि का पर्व त्रयोदशी के बीच शुरू होकर चतुर्दशी में आ रहा है। यह योग 23 घंटे तक जारी रहेगा। नक्षत्र धनिष्ठा 11 मार्च को रात 09 बजकर 45 मिनट तक रहेगा उसके बाद शतभिषा नक्षत्र लग जाएगा। महाशिवरात्रि के दिन शिव योग 09 बजकर 24 मिनट तक, उसके बाद सिद्ध योग लग जाएगा।
महाशिवरात्रि पर दुलर्भ योग
शिव योग – 10 मार्च को सुबह 10 बजकर 36 मिनट से 11 मार्च को सुबह 9 बजकर 24 मिनट तक रहेगा।
सिद्ध योग – 11 मार्च को सुबह 9 बजकर 24 मिनट से 12 मार्च को सुबह 8 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।
चार प्रहर में करें शिव पूजा
हिंदू पंचांग के अनुसार, 11 मार्च को चतुर्दशी तिथि दोपहर 02 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर 12 मार्च शुक्रवार को दोपहर तीन बजकर 02 मिनट पर समाप्त होगी। महाशिवरात्रि के दिन पूजा का प्रथम प्रहर 11 मार्च को शाम 6 बजकर 27 मिनट से लेकर 9 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। द्वितीय प्रहर रात 9 बजकर 29 मिनट से लेकर 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। शिव पूजा का तृतीय प्रहर रात 12 बजकर 31 मिनट से लेकर सुबह 03 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। जबकि चतुर्थ प्रहर 12 मार्च को तड़के तीन बजकर 32 मिनट से लेकर सुबह 06 बजकर 34 मिनट तक रहेगा।