Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wp-statistics domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the updraftplus domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114
अखिल भारतीय विमुक्त एवं घुमंतू जनजाति कल्याण संघ एवं काश फाऊंडेशन सहयोग से आदिम जनजाति पर 14 वां अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार- Amar Bharti Media Group राष्ट्रीय

अखिल भारतीय विमुक्त एवं घुमंतू जनजाति कल्याण संघ एवं काश फाऊंडेशन सहयोग से आदिम जनजाति पर 14 वां अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार

नई दिल्ली। डॉ अवकाश जाधव ने अपने विचार व्यक्त किए कि स्वदेशी समुदाय अधिक प्रगतिशील, पर्यावरण के प्रति जागरूक और सद्भाव में रहते हैं। उन्हें सम्मान और सम्मान के साथ व्यवहार करने की आवश्यकता है। वैश्विक बनकर हमें अपनी स्थानीय संस्कृति को नहीं खोना चाहिए। विकास से स्वदेशी लोगों का विस्थापन नहीं होना चाहिए। हमें परियोजना के लाभ बनाम स्थिरता के बीच निर्णय लेने की आवश्यकता है।

काश फाउंडेशन मुंबई स्थित एनजीओ विमुक्त और खानाबदोश जनजातियों के लिए निम्नलिखित कार्यक्रम पेश करेगा

1) -महिला सशक्तिकरण कौशल 2)-युवा विकास कार्यक्रम
3)-वित्तीय साक्षरता
4)-कौशल विकास और समन्वय 5)-सॉफ्ट स्किल्स , शैक्षिक और कंप्यूटर कौशल कार्यक्रम।

सेमिनार में निम्नलिखित देशो ने भागीदारी दी :-

बांग्लादेश, रूस, तुर्की, नेपाल, पाकिस्तान और यू.एस.ए.
एवं भारत से 20 रज्योँ एवं 4 केंद्र शासित प्रदेश (दिल्ली, पांडिचेरी, लद्दाख और जम्मू-कश्मीर) कुल पेपर प्रस्तुतियाँ: 90 कुल भागीदारी: २५० से अधिक द्वारा सांस्कृतिक प्रदर्शन शिलांग के आदिवासी युवाओं का समूह। मेघालय केरल का प्रदर्शन एवं खानाबदोश समुदाय के वीडियो जैसे, सपेरा (सपेरा), मदारी (बंदर या भालू के साथ स्ट्रीट परफॉर्मर) आदि।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *