25 हज़ार का इनामी कुख्यात बदमाश राजू उर्फ़ हासिम गिरफ्तार, पुलिस मुठभेड़ में हुआ घायल

लखीमपुर खीरी/लखनऊ। लखीमपुर खीरी जिले के नीमगांव थाना क्षेत्र में अपराध पर नकेल कसते हुए पुलिस ने 25 हज़ार रुपये के इनामी और वांछित डकैत राजू उर्फ़ हासिम को मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया। थाना प्रभारी प्रवीर गौतम द्वारा चार्ज संभालते ही लगातार की जा रही कार्रवाई का यह बड़ा परिणाम माना जा रहा है। अपराधी को गोली लगने से घायल अवस्था में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा के निर्देश पर गिरफ्तारी अभियान तेज किया गया था। यह गिरफ़्तारी 15 नवंबर 2025 को सिकंदराबाद चौकी क्षेत्र में मेडिकल स्टोर संचालक के घर परिवार को बंधक बनाकर हुई डकैती से जुड़े मामले का हिस्सा है। इस केस में नीमगांव थाने में मु0अ0सं0 488/25, धारा 310(2)/317(3) बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।

पहले भी हो चुकीं गिरफ्तारी

डकैती कांड के खुलासे के लिए बनाई गई कई टीमों ने 27 नवंबर 2025 को मुठभेड़ के बाद चार अन्य अभियुक्तों—

मुहीब (25 वर्ष, कौढेय्या),

हसरत अली उर्फ छोटा तालिब (20 वर्ष, गौरिया),

गोपाल वर्मा (32 वर्ष, पलिया),

तैय्यब खां (24 वर्ष, गौरिया)

को गिरफ्तार किया था।

36 मुकदमों में वांछित, नेपाल तक सक्रिय

गिरफ्तार अपराधी राजू उर्फ़ हासिम (40 वर्ष), निवासी मितौली, खीरी, पर

लूट

डकैती

हत्या के प्रयास

गैंगस्टर एक्ट

जैसे संगीन आरोपों सहित खीरी, सीतापुर और बहराइच के विभिन्न थानों में कुल 36 मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस के अनुसार वह नेपाल में भी आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय बताया जाता है। उसकी गिरफ्तारी पर एसपी खीरी ने 25,000 रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।

पुलिस पर फायरिंग के बाद मुठभेड़

29 नवंबर 2025 को गश्त के दौरान पुलिस ने उसे रोकने का प्रयास किया तो राजू उर्फ़ हासिम ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर भागने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में हुई मुठभेड़ में उसके बाएं पैर में गोली लगी और वह घायल होकर गिर पड़ा।

हथियार और बाइक बरामद

पुलिस ने मौके से

एक .315 बोर का तमंचा,

एक जिंदा कारतूस,

एक खोखा कारतूस,

एक स्प्लेंडर मोटरसाइकिल

बरामद की है। घायल अपराधी को जिला अस्पताल भेजकर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

नीमगांव पुलिस की इस कार्रवाई की सूचना लखनऊ पुलिस मुख्यालय तक पहुंची, जहां इसे गंभीर अपराधों पर नियंत्रण की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।