जहां एक तरफ पूरा देश कोरोना जैसी महामारी से दहशत मे था वही उत्तर प्रदेश के बांदा जनपद में शिष्टाचार के नाम पर भ्रष्टाचार किया जा रहा था भ्रष्टाचार भी ऐसा कि आप सुनेंगे तो हंस पड़ेंगे जनपद के नगर पालिका परिषद बांदा के अध्यक्ष के द्वारा लॉकडाउन के दौरान शिष्टाचार की चाय पिलाने का काम किया गया था और जब इस 8 महीने में पिलाई गई चाय का हिसाब लगाया गया तो चाय का हिसाब इतना निकला की सुनकर आप भी यकीन नहीं कर पाएंगे की क्या कोई भी 8 महीनों में लगभग 32 लाख की चाय कोई भी पी सकता है लेकिन यह अनोखा कारनामा बाँदा के नगर पालिका अध्यक्ष के द्वारा किया गया है।
आपको बता दें कि पूरा मामला बांदा जनपद के नगर पालिका परिषद का है जहां पर लॉकडाउन से लेकर 8 माह के अंतराल में शिष्टाचार की चाय के नाम पर खूब भ्रष्टाचार किया गया पूरे lock-down के दौरान यहां पर लगभग 3200000 रुपए की चाय पी ली गई भले ही इस दौरान नगर पालिका में कोई आए या ना आए इस पूरे भ्रष्टाचार की जब जांच पड़ताल की गई तो यह सामने निकल कर आया कि नगर पालिका परिषद के आय-व्यय का जो बेवड़ा है उसमें भी इस भ्रष्टाचार का खुलासा साफ तौर पर हो रहा है।
शासन से जांच के बाद भी यह साबित हुआ की यह भ्रष्टाचार किया गया है और जब नगरपालिका के इस भ्रष्टाचार की जानकारी सदर विधायक को लगी तो उनके द्वारा पत्र के माध्यम से शासन को पालिका के भ्रष्टाचार की जांच कराने के लिए अवगत कराया गया था उसके बाद शासन स्तर पर टीम गठित करते हुए नगर पालिका में हो रहे भ्रष्टाचार की जांच पड़ताल शुरू की गई थी टीम के द्वारा जांच पड़ताल के दौरान करोड़ों रुपए का घोटाला नगर पालिका के द्वारा सामने आया था लेकिन इतना ही नहीं करोड़ों का भ्रष्टाचार करने के बाद भी नगर पालिका अध्यक्ष का पेट नहीं भरा और उन्होंने शिष्टाचार की चाय के नाम पर भी लाखों का वारा न्यारा कर डाला।