नई दिल्ली। राफेल लड़ाकू विमान का एक और जत्था 19-20 मई को फ्रांस से भारत पहुंचने वाला है। जानकारी मिल रही है कि ये चारो विमान मेरिग्नैक-बोर्डो एयरबेस से अंबाला पहुचेंगे।
लैंडिंग मौसम की स्थिति पर निर्भर
इसके अलावा भारतीय वायु सेना के द्वारा पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में 101 “फाल्कन्स ऑफ चंब” स्क्वाड्रन को फिर से जीवित किया जाएगा। हालांकि भारत में राफेल की लैंडिंग की सही तारीख इस बात पर निर्भर करेगी कि यूएई वायु सेना के द्वारा हवा में ईंधन भरने की उपलब्धता कैसी है और मौसम की स्थिति कैसी है।
मई के अंत तक 24 राफेल लड़ाकू जेट होंगे
कहा जा रहा है कि फ्रांस अप्रैल 2022 से पहले ही सभी 36 राफेल लड़ाकू विमान भारत को सौंप सकता है। इसकी घोषणा रक्षा मंत्री के द्वारा संसद में की भी गई थी। उन्होंने कहा था कि भारतीय वायु सेना के पास मई के अंत तक 24 राफेल लड़ाकू जेट होंगे।
इंजन तकनीक को साझा करने की पेशकश
फ्रांस के द्वारा भारत को न केवल हॉट इंजन तकनीक की पेशकश की की गई है। बल्कि इसके साथ ही आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल के विस्तारित रेंज को संयुक्त रूप से विकसित करने के लिए भी तैयार है। फ्रांसीसी इंजन निर्माता safran ने पहले ही 100 किलो न्यूटन थ्रस्ट तक के विमान इंजनों को संयुक्त रूप से विकसित करने के साथ-साथ हॉट इंजन तकनीक को साझा करने की पेशकश की है।
राफेल पैकेज इस क्षेत्र में गेम-चेंजर
फ्रांस के द्वारा लंबी दूरी और भारी अत्यधिक चुस्त और युद्धाभ्यास मुनिशन एक्सटेंडेड रेंज मिसाइल के लिए साझा और संयुक्त रूप से प्रौद्योगिकी विकसित करने की पेशकश की गई है। जो वर्तमान में भारतीय राफेल पर हथियार पैकेज का हिस्सा है। आईएएफ के एयर मार्शल ने कहा कि “राफेल पैकेज इस क्षेत्र में गेम-चेंजर है क्योंकि भारत के किसी भी विरोधी के पास दृश्य सीमा से परे युद्ध छेड़ने की इतनी क्षमता नहीं है।”