नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस में शुरू हुआ सियासी दंगल अभी थमा नहीं है। पंजाब सियासत में मचे घमासान के बीच कांग्रेस के नवनियुक्त प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने घर अमृतसर में पहली बैठक बुलाई है। इस बैठक में 62 विधायक शामिल होंगे। फिलहाल सभी सीनियर नेता सिद्धू के घर पहुंच चुके हैं। जब से सिद्धू के सर प्रधान की ताजपोशी हुई है तब से ही उनका अपने समर्थकों के साथ मिलने का सिलसिला जारी है तो वहीं दूसरी तरफ कैप्टन भी अपना पक्ष मजबूत करने में जुटे हैं। इस कड़ी में दोनों नेता आज शक्ति प्रदर्शन करेंगे।
अमृतसर में सिद्धू का शक्ति प्रदर्शन
नए-नए अध्यक्ष बने नवजोत सिंह सिद्धू का समर्थकों से मिलना जारी है। सिद्धू के घर आज 62 विधायक उनसे मिलने पहुंचेंगे। बता दें कि पंजाब में विधायकों की कुल संख्या 80 है। पंजाब का प्रधान बनने के बाद अमृतसर पहुंचे सिद्धू का भव्य स्वागत किया गया था, और अब गुरुवार को वह विधायकों के साथ दरबार साहिब आर्शीवाद लेने पहुंचे। इस दौरान उनके साथ पंजाब के कई सीनियर नेता भी नजर आए।
कैप्टन के पक्ष में कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा
दूसरी ओर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने के स्वागत किया है। लेकिन सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ मामले को निपटाने तक सिद्धू से निजी मुलाकात करने से मना कर दिया है। बता दें कि जब कैप्टन और ब्रह्म मोहिंदरा के बीच मनमुटाव शुरू हुआ था, तब वह दोनों का हाथ पकड़ एक दूसरे को मिलाने पहुंचे थे, लेकिन आज वही ब्रह्म मोहिंदरा कह रहे हैं कि जब तक नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन के बीच मनमुटाव खत्म नहीं होता, वह सिद्धू से नहीं मिलेंगे।
कब सुलझेगी पंजाब कांग्रेस में पड़ी ये गांठ?
सिद्धू पूरी पार्टी को अपने पक्ष में एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं तो कैप्टन माफी वाली शर्त पूरी होने तक किसी भी कीमत पर आलाकमान के फैसले को मानने को तैयार नहीं दिख रहे। बीते कुछ समय में सिद्धू द्वारा राज्य सरकार के खिलाफ किए गए ट्वीट से छवि खराब होने के कारण कैप्टन अमरिंदर उनसे खफा हैं। कैप्टन के प्रति सिद्ध के रवैये में भी कोई बदलाव नहीं आया है। सिद्धू को कैप्टन की तरफ से अभी तक कोई बधाई भी नहीं दी गई है।ये ही वजह है कि चाहे आलाकमान ने पंजाब में सिद्धू के हाथ में कांग्रेस की कमान दे दी है लेकिन यह मामला यहां शांत होते नजर नहीं आ रहा। अभी तक कैप्टन खुलकर सिद्धू के साथ खड़े होते नहीं दिखाई दिए, जो कि पार्टी के लिए चिंता का विषय है।