दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने दो नवजात बच्चों को रिकवर किया है. साथ ही 8 किडनैपरों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. यह गैंग छोटे बच्चों को टारगेट करता और किडनैप कर उन्हें बेच देता था. इन बदमाशों ने 22 नवंबर को साउथ कैंपस इलाके से तीन महीने के नवजात बच्चे को किडनैप किया था. जबकि दूसरे नवजात को कहां से चुराया गया इसकी जांच की जा रही है.
बताया जा रहा है कि किडनैप किए गए दो बच्चों को दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में 2 महिलाओं को दिया गया था. तीन महीने के बच्चे को मोतीबाग गुरुद्वारे के सामने से पिंकी नाम की एक महिला ने किडनैप किया था. यह गैंग IVF सेंटर और अस्पतालों में आने वाले निसंतान दंपतियों को तलाशता था और उसके बाद नवजात बच्चे को किडनैप करके उन्हें बेच देता था.
बच्चों को किडनैप करने वाला गैंग
दरअसल दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट मानव तस्करों पर नजर रखती है. 22 अक्टूबर को एक महिला भिखारी ने पुलिस को सूचना दी कि वो अपने तीन महीने के बच्चे के साथ मोती बाग गुरुद्वारे के पास भीख मांग रही थी. तभी अचानक उसके पास एक महिला आई और बातचीत करने लगी. थोड़ी देर बाद उस महिला ने कहा कि तुम गुरुद्वारे से खाना ले आओ. तब तक मैं तुम्हारे बच्चे का ध्यान रखूंगी. बच्चे को छोड़कर महिला जब अंदर गई और खाना लेकर वापस लौटी तो बच्चे को लेकर वह महिला फरार हो गई थी.
महिला की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली थी. इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही थी. इसी दौरान एक कांस्टेबल को सूचना मिली कि एक गैंग सक्रिय है, जो दिल्ली के गुरुद्वारे और बस स्टैंड के आसपास से बच्चों को उठाता है. फिर क्राइम ब्रांच ने मानव तस्करी का गैंग चलाने वाले गोपाल को हिरासत में लिया.
गोपाल की निशानदेही पर पुलिस ने गीता रंधावा को पकड़ा उसके पास से 3 महीने के बच्चे को बरामद किया गया. गीता से मिली जानकारी से तिलक नगर में रहने वाली ज्योति को पकड़ा गया. उसके पास से डेढ़ महीने के बच्चे को बरामद किया गया.
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक यह गैंग उन दंपति को तलाशता था जिनके बच्चे नहीं होते थे और बच्चा दिलवाने की बात करके उनकी डिमांड पर लड़का चाहिए या लड़की उसके हिसाब से बच्चे को चोरी कर लेता था. इसके बदले में गैंग की मोटी कमाई हो जाती थी.