नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ जारी प्रदर्शन का एक अलग ही रूप सड़कों पर देखने को मिला। 26 नवंबर से दिल्ली के बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन को आज 8 महीने पूरे हो गए हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को हर किसी को तब हैरान कर दिया है, जब सुबह-सुबह वह दिल्ली की सड़कों पर ट्रैक्टर चलाते हुए नजर आए। राहुल गांधी के साथ ट्रैक्टर पर रणदीप सुरजेवाला, दीपेंद्र हुड्डा समेत अन्य कई कांग्रेसी नेता सवार दिखे। ट्रैक्टर के सामने कृषि कानूनों के खिलाफ पोस्टर चिपके हुए थे और किसानों के समर्थन में बातें कहीं गई थी।
‘सरकार किसानों को आवाज़ दबा रही है’ : राहुल
ट्रैक्टर पर संसद पहुंचे राहुल गांधी ने कहा कि, ‘मैं संसद में किसानों का संदेश लाया हूं। सरकार किसानों की आवाज दबा रही है और संसद में चर्चा नहीं होने दे रही है।‘ उन्हें इन काले कानूनों को निरस्त करना होगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कहना है कि पूरा देश जानता है कि ये कानून 2-3 बड़े कारोबारियों के पक्ष में हैं। सरकार के अनुसार, किसान बहुत खुश हैं और जो किसान विरोध प्रदर्शन पर बाहर बैठे हैं वे आतंकवादी हैं। लेकिन हकीकत में किसानों का हक छीना जा रहा है।
गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचा किसानों का जमावड़ा
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करते किसानों को 8 महीने पूरे हो गए हैं। एक तरफ जहां सरकार कानून वापिस लेने को तैयार नहीं है तो वहीं दूसरी ओर किसान भी कानून वापसी की जिद्द पर अड़ी है। दोनों पक्षों में से कोई पीछे हटने को तैयार नहीं है। इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए रविवार को बीकेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत की अगुवाई में मेरठ से कई किसान ट्रैक्टर रैली निकालते हुए गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे। नरेश टिकैत का कहना है कि सरकार को किसानों पर ध्यान देना चाहिए, अगर किसान भी फिर कुछ न कुछ कर देगा तो जिम्मेदारी सरकार की होगी।