जबलपुर । भक्त और भगवान के बीच संक्रमण ने हमेशा ही दूरी बनाने का काम किया है। अब तक सूर्य और चंद्र ग्रहण के दौरान रहने वाले संक्रमण काल में मंदिरों के पट बंद कर दिए जाते थे।
लेकिन इस बार भक्त और भगवान की दूरी की वजह संक्रमण है लेकिन बिल्कुल अलग तरह का..।
वैसे तो अनलॉक हो जाने के बाद देवालयों में श्रद्धालुओं को कुछ शर्तों के साथ प्रवेश की अनुमति मिल गई है।
लेकिन कोरोना महामारी के तेजी से फैलते के कारण लोग भगवान के दरबार में बहुत कम संख्या में ही पहुँच रहे हैं।
अधिकांश लोग अपने-अपने धर्मों के अनुसार घरों पर ही पूजन-पाठ कर भगवान का स्मरण कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च, मठ में शासन के नियमों के अनुसार व्यवस्थाएँ बनाई गई हैं।
यहाँ पर पहुँचने वाले लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ प्रवेश की अनुमति दी जा रही है, साथ ही इन जगहों पर प्रवेश से पहले हाथ-पैर धोना या सेनिटराइज करना होगा।
मंदिरों में जहाँ घंटे नहीं बजाए जा रहे। प्रसाद का वितरण भी नहीं किया जा रहा है। गुरुद्वारा में लंगर का आयोजन भी नहीं हो रहा है।