श्रीनगर। महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला जैसे नेताओं की रिहाई के बाद जम्मू कश्मीर की राजनीति में एक बार फिर आर्टिकल-370 का मुद्दा गरमा गया है। गुरुवार को नेशनल कॉन्फ़्रेन्स अध्यक्ष डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला के घर ‘गुपकार घोषणा’ पर भविष्य की कार्रवाई का खाका तैयार करने के लिए अहम बैठक बुलाई गई।
इस बैठक में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, नेशनल कॉन्फ़्रेन्स समेत अन्य दोलों के नेता शामिल है। बता दें कि गुपकार घोषणा फारूक अब्दुल्ला के गुपकार स्थित आवास पर एक सर्वदलीय मीटिंग के दौरान जारी किया गया प्रस्ताव है।
इसे जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य के दर्जे को वापस लिए जाने से ठीक एक दिन पहले यानी कि 4 अगस्त, 2019 को जारी किया गया था।
5 अगस्त को हटाई गई थी धारा 370
5 अगस्त 2019 को केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से जम्मू कश्मीर पर एक एतिहासिक फैसला लिया गया था। सरकार ने जम्मू कश्मीर में से धारा 370 और 35A को हटाने और राज्य को मिले विशेष दर्जे को खत्म करने का ऐलान किया था।
गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में जानकारी दी कि राज्य में लागू धारा 370 को हटाया जा रहा है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून को राज्य से हटाया गया और राज्य को दो हिस्सों में बांट दिया गया।
जम्मू-कश्मीर राज्य में किए गए इस बड़े बदलाव के चलते वहां बड़ी तादाद में सैनिकों को तैनात किया गया था जिसे अब हटा लिया गया है।