श्रीनगर. नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के यहां स्थित आवास पर गुरुवार को गुपकर घोषणा के हस्ताक्षरकर्ताओं की सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती भी उपस्थित रहीं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि घोषणा के हस्ताक्षरकर्ता मुख्यधारा की कश्मीरी पार्टियों ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर में किए गए संवैधानिक बदलावों को पलटने के लिए एक गठबंधन किया है।
गुपकर घोषणा नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष अब्दुल्ला के गुपकर स्थित आवास पर सर्वदलीय बैठक के दौरान एक प्रस्ताव जारी किया गया था। इसे जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने से ठीक एक दिन पहले यानी कि 4 अगस्त, 2019 को जारी किया गया था।
यह बैठक नेकां नेताओं और पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला की पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती से मुलाकात के एक दिन बाद बुलाई गई। महबूबा को मंगलवार की रात नजरबंदी से रिहा किया गया था।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, हमने इस गठबंधन को पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) नाम दिया है। हमारी मांग है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को वो सारे अधिकार दिए जाएं, जो छीने गए हैं।
उन्होंने कहा कि बातचीत के माध्यम से जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक समस्या को शांतिपूर्ण तरीके से हल करना एक संवैधानिक लड़ाई है।
अब्दुल्ला ने कहा, हम चाहते हैं कि सभी हितधारकों के साथ शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत के माध्यम से राज्य के राजनीतिक मुद्दे को जल्द से जल्द हल किया जाए।
उन्होंने कहा कि 14 महीने के बाद रिहा हुईं महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी गैरकानूनी, अनुचित और असंवैधानिक थी और उन्होंने मांग की कि जो लोग अभी भी जेलों में हैं, उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि गठबंधन के साथी जल्द ही फिर से मिलेंगे। उन्होंने कहा, राज्य के लोगों के साथ व्यापक चर्चा के लिए बैठकें आयोजित की जाएंगी।
बता दें कि 4 अगस्त, 2019 की शाम को फारूक अब्दुल्ला के निवास पर महबूबा मुफ्ती, पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, अवामी नेशनल कांफ्रेंस के मुजफ्फर शाह सहित कांग्रेस और कश्मीर के अन्य छोटे-बड़े राजनीतिकि दलों के नेताओं की बैठक हुई थी। बैठक में सभी नेताओं ने घोषणापत्र तैयार कर हस्ताक्षर किए थे। इस घोषणापत्र में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे से छेड़छाड़ नहीं होने दी जाएगी। यही घोषणा गुपकर घोषणा के तौर पर जानी जाती है।