नई दिल्ली. दिल्ली में सिर्फ 900 ई कारें हैं। इलेक्ट्रिक दुपहिया वाहनों की संख्या भी महज कुछ हजार तक सीमित है। दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में 5 लाख ई-वाहनों का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सरकार, वाहनों की खरीद पर आकर्षक सब्सिडी देने का निर्णय ले चुकी है। दिल्ली सरकार ई-वाहनों पर लगने वाले पंजीकरण शुल्क और रोड टैक्स को भी समाप्त करने का निर्णय ले चुकी है।
दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी के तहत सभी बैटरी चालित वाहनों को पंजीकरण शुल्क से मुक्त कर दिया गया है। इससे पहले इसी महीने लिए गए एक निर्णय के अंतर्गत दिल्ली सरकार ने सभी इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स भी माफ कर दिया था।
दिल्ली में पंजीकृत कुल 11 मिलियन से अधिक वाहनों में से लगभग 83,000 इलेक्ट्रिक वाहन हैं। इनमें भी अधिकांश ई-रिक्शा हैं। दिल्ली सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में दिल्ली में कम से कम 5 लाख इलेक्ट्रिक वाहन को पंजीकृत करना है।
इसके लिए सरकार लोगों को इलेक्ट्रॉनिक वाहन खरीदने के लिए प्रेरित करेगी। हालांकि फिलहाल दिल्ली में केवल 900 के आसपास निजी इलेक्ट्रिक कारें और लगभग 3,700 ई-टू-व्हीलर्स हैं।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्लीवालों को बधाई देते हुए कहा, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बैटरी संचालित वाहनों पर पंजीकरण शुल्क में छूट दे दी है। मुख्यमंत्री ने अपना वादा निभाते हुए ई वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए यह कदम उठाया है।
इसी महीने 11 अक्टूबर को इलेक्ट्रिक वाहनों को रोड टैक्स से भी छूट दी गई थी। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए इच्छुक लोगों के लिए यह बड़ी राहत की खबर रही।
दिल्ली के परिवहन विभाग ने एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा, पंजीकरण शुल्क (मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 81 के अनुसार) बैटरी चालित वाहनों पर लागू नहीं होगा, जैसा केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के तहत परिभाषित है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अगस्त में इलेक्ट्रिक वाहन नीति की शुरूआत की थी।
इसके तहत चार पहिया वाहनों की खरीद पर 1.5 लाख रुपये, दोपहिया वाहनों पर 30,000 रुपये, ऑटो-रिक्शा, ई-रिक्शा और माल ढोने वाले वाहनों के लिए वित्तीय प्रोत्साहन देने की घोषणा की थी। किसी भी वाहन पर रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क की गणना उसके एक्स शोरूम मूल्य के 4 से लेकर 12.5 प्रतिशत के तौर पर की जाती है।
इस वर्ष अप्रैल से लेकर सितंबर तक दिल्ली में 2629 इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हुए हैं। इनमें 297 मोटर साइकिल व स्कूटर हैं। इसके अलावा इनमें 67 कैब और 80 कारें भी शामिल हैं। खास बात यह है कि लोगों ने इन वाहनों को बिना किसी सब्सिडी खरीदा है।