अब जब पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर यह बात मान ली है कि पुलवामा अटैक में उसका हाथ था तो वो बातें भी प्रासंगिक हो जाती हैं जो उस वक्त हमारे तमाम राजनेताओं द्वारा कही गई थीं. तो आइए जानते हैं कि उस वक्त भारत के कुछ नेता केंद्र की मोदी सरकार को घेरने के लिए क्या कुछ कह रहे थे.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उस वक्त ट्वीट किया था, “पाकिस्तान और इमरान खान खुलकर मोदी जी का समर्थन कर रहे हैं. अब यह स्पष्ट है कि मोदी जी ने कुछ गुप्त समझौता किया है. हर कोई पूछ रहा है- क्या पाकिस्तान ने मोदी जी की मदद के लिए चुनाव से ठीक पहले 14 फरवरी को पुलवामा में हमारे 40 बहादुर सैनिकों को मार दिया था?”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा था कि आज जब हम पुलवामा अटैक में हमारे 40 CRPF शहीदों को याद करते हैं, तो आइए पूछें:
1. हमले से सबसे अधिक किसे फायदा हुआ?
2. हमले में जांच का परिणाम क्या है?
3. बीजेपी सरकार में किसे सुरक्षा चूक के लिए जवाबदेह ठहराया गया है?
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि पुलवामा हमले के पीछे मोदी का हाथ है क्योंकि वह चुनाव जीतना चाहते थे. अब्दुल्ला ने कहा था कि भारत को अनुरोध करना चाहिए कि बालाकोट हमलों में नुकसान के सबूत की जांच और खुलासा करने के लिए एक संयुक्त राष्ट्र समिति का गठन किया जाए.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पुलवामा हमले की टाइमिंग पर सवाल उठाए थे. सीएम ममता बनर्जी ने पुलवामा आतंकी हमले के समय पर सवाल उठाते हुए पूछा था कि क्या लोकसभा चुनाव नजदीक हैं तो सरकार युद्ध में उतरना चाहती है. उन्होंने पुलवामा आतंकवादी हमले के मद्देनजर बीजेपी और आरएसएस पर सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया था.
सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने भी केंद्र सरकार पर चौंकाने वाला आरोप लगाते हुए कहा था कि सरकार ने वोटों के लिए पुलवामा को उकसाया.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने किया यह कुबूलनामा
पाकिस्तान की इमरान खान सरकार में मंत्री फवाद चौधरी ने माना है कि पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए हमले में पाकिस्तान का हाथ था. उन्होंने कहा कि पुलवामा हमला पाकिस्तान की कामयाबी है. फवाद चौधरी ने पुलवामा हमले का श्रेय इमरान खान और उनकी पार्टी PTI को दिया. उन्होंने कहा कि पुलवामा हमला इमरान खान के लिए एक उपलब्धि है.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला किया गया था. एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटक से भरी कार सीआरपीएफ के काफिले से टकरा दी थी. इस धमाके में 40 जवान शहीद हो गए थे.