इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीज़न में अब तक कम से कम पांच भारतीय खिलाड़ी हैमस्ट्रिंग इंजरी का शिकार हो चुके हैं. इनमें टीम इंडिया के सीमित ओवरों के उप कप्तान रोहित शर्मा भी शामिल हैं. इसका एक कारण तो कोविड-19 के कारण लंबे समय के बाद क्रिकेट खेलना है, लेकिन इसका दूसरा और बड़ा कारण संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बलुई मैदान यानी मिट्टी और बालू के मिश्रण वाले हैं.
रोहित के अलावा रिद्धिमान साहा, विजय शंकर, अंबाती रायडू और ऋषभ पंत अब तक हैमस्ट्रिंग और खिंचाव का शिकार हो चुके हैं. भुवनेश्वर कुमार तो जांघ में खिंचाव के कारण टूर्नामेंट से ही बाहर हो गए थे. इन पांच में से तीन खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय टीम में चुना गया है.
पूर्व क्रिकेटर और अब कमेंटेटर मुरली कार्तिक ने भी पिछले हफ्ते एक मैच के दौरान कहा था, “आईपीएल 2020 में खिलाड़ियों के चोटिल होने का कारण बलुई मैदान है.”
यूएई में शारजाह, दुबई और अबू धाबी के मैदान बालू और मिट्टी के मिश्रण से बने हुए हैं, जोकि काफी नरम हैं और इससे खिलाड़ी अधिक हैमस्ट्रिंग के शिकार होते हैं.
यह पहली बार है कि आईपीएल का पूरा सीजन यूएई में खेला जा रहा है. इससे पहले, 2014 में बीसीसीआई ने सिर्फ 20 मैचों का आयोजन यूएई में करवाया था. भारत में, कई मैदान मिश्रित मिट्टी से मिलकर बने हैं और केवल अच्छी रेत से इसकी ड्रेसिंग की गई है.
बीसीसीआई के पूर्व पिच क्यूरेटर दलजीत सिंह ने इस बारे में कहा, “मिट्टी के मैदान की तुलना में बलुई मैदान काफी नरम होते हैं. भारत में बनाए जा रहे सभी नए स्टेडियमों में बालू युक्त आउटफील्ड होता है, क्योंकि इनमें पानी तेजी से निकलता है और घास भी बेहतर तरीके से उगती है. इनकी सिंचाई भी बेहतर होती है.”
पूर्व प्रथम श्रेणी क्रिकेटर सिंह ने कहा, “मिट्टी के मैदानों पर आउटफील्ड कठिन और असंगत है. किसी स्थान पर घांस या भूरे रंग का एक पैच होगा. खिलाड़ियों के स्पाइक्स नहीं होते हैं. वे केवल गहरी और सतह वाली पिचों को पसंद करेंगे.”
बता दें कि भारत में ईडन गार्डन्स, वानखेड़े स्टेडियम, फिरोजशाह कोटला या मोहाली जैसे पुराने मैदान मिट्टी के मैदान है जबकि मुलनपुर में बना पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन का नया मैदान पूरी तरह से बलुई है.