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धर्मकोड लाने की क्यों थी इतनी हड़बड़ी- Amar Bharti Media Group राज्य

धर्मकोड लाने की क्यों थी इतनी हड़बड़ी

रांची: झारखंड सरना धर्म कोड को लेकर विशेष सत्र का आयोजन किया गया है, जिसमें विपक्ष की तरफ से इस पर चर्चा की मांग की गई. सदन में सीएम में विपक्ष से पूछा, राज्य के बहुसंख्यक समुदाय को उनके अधिकार देने के पक्ष में आप हैं या नहीं. विपक्ष ने कहा, हम पहले सदन में चर्चा चाहते हैं.

सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने कहा कि विषय बहुत संवेदनशील है, विपक्ष के लोगों ने ही सुनियोजित तरीके से जनगणना से इसको हटा दिया. मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया इस पर चर्चा करवा दें.

चर्चा की शुरुआत बीजेपी की तरफ ने विधायक नीलकंठ मुंडा ने किया और कहा कि सरना/आदिवासी क्यों? इसको सरना आदिवासी करें, फिर हम सरकार के साथ हैं. सरना/आदिवासी क्यों, क्या डर है, सरकार ने ये संकल्प हड़बड़ी में लाया है. सभी को बुलाते, TAC की बैठक करते तो और मजबूत होती.

इसको लाने की हड़बड़ी क्या थी, सभी जानते हैं. किसी से छिपा नहीं है. चुनाव के समय गड़बड़ी में इसकी घोषणा की और विशेष सत्र लाया. इसमें राजनीति की बू आ रही है.

कांग्रेस की तरफ से विधायक बंधू तिर्की ने कहा कि सरना धर्म कोड की मांग कई दशक पुरानी है. आदिवासियों का कॉलम जनगणना में नहीं होना चिंता का विषय है. आखिर कौन सी बात आई कि आदिवासी/सरना कहा जाने लगा. कुछ संगठनों के द्वारा इस तरह का विरोधाभास आना चिंता का विषय है.

राज्य सरकार द्वारा लाया गया आदिवासी/सरना में आदिवासी को विलोपित किया जाए और सरना धर्म कोड की ही अनुशसा केंद्र को भेजा जाए. साथ ही कहा कि विशेष सत्र से पहले इस पर टीएसी में चर्चा होता तो बेहतर होता. आदिवासी शब्द को विलोपित किया जाए.

सदन में सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, लेकिन राजनीतिक दल के सदस्य होने के कारण इस पर राजनीति न हो ये भी सम्भव नहीं.आज आदिवासी समुदाय के लिए विकट समस्या आ रही है. सवा सौ करोड़ की जनसंख्या के देश में सबसे कम आदिवासी समुदाय के लोग हैं. इनको विलुप्त करने की षड्यंत्र होती रही है. एक तरफ संरक्षित करने की बात होती रही है, दूसरी तरफ खत्म भी होते रहे हैं.

सीएम ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा,15 साल अपने जो दुर्गति इस राज्य का किया है, उसी के कारण राज्य के झारखंडियों ने अपने हाथ मे सत्ता लेनी पड़ी, उपचुनाव में भी नतीजा अपने देख लिया है. हेमंत सोरेन ने कहा कि स्लो पॉइजन की तरह देश से इस समुदाय को खत्म करने का प्रयास किया गया. मुख्यमंत्री ने कहा सदन से सरना आदिवासी धर्म कोड को सदन से पारित किया जाए.