प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हुए 2019 के लोकसभा चुनाव को रद्द करने की मांग पर कल यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ सकता है. यह फैसला बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव की याचिका पर आएगा.
वाराणसी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने में असफल रहने के बाद तेज बहादुर ने यह याचिका लगाई थी. इससे पहले, सुनवाई के दौरान तेज बहादुर के वकील कोर्ट के सवालों का संतोषजनक जवाब देने में असफल रहे थे.
पिछले साल दिसंबर में, वाराणसी सीट से बीजेपी के टिकट पर सांसद चुने गए पीएम नरेंद्र मोदी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली थी।
हाईकोर्ट ने पीएम मोदी का निर्वाचन रद किये जाने की मांग को लेकर दाखिल की गई अर्जी को खारिज कर दिया था। यह चुनाव याचिका सपा नेता और पूर्व फौजी तेज बहादुर यादव की तरफ से दाखिल की गई थी।
अदालत ने इस अर्जी को मेरिट पर सुने बिना ही पोषणीयता के आधार पर खारिज की थी। दरअसल इस मामले में पीएम मोदी की तरफ से अदालत में यह दलील दी गई थी कि तेज बहादुर न तो चुनाव में प्रत्याशी थे और न ही वह वाराणसी सीट से वोटर हैं, इसलिए उन्हें चुनाव याचिका दाखिल करने का कोई अधिकार ही नहीं है।
अदालत ने पीएम मोदी की इस दलील को मंजूर कर लिया और इसी आधार पर तेज बहादुर की अर्जी को खारिज कर दिया था।
इस मामले में जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता की सिंगल बेंच ने सुनवाई पूरी होने के बाद 23 अक्टूबर 2019 को अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था।
अदालत ने 58 पेज के अपने फैसले में यह कहा कि तेज बहादुर की को अर्जी दाखिल करने का हक नहीं है, इसलिए मेरिट पर सुने बिना ही पोषणीयता के आधार पर ही उसे खारिज कर दिया गया।