बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत और रंगोली चंदेल के खिलाफ FIR रद्द कराने की याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की. कंगना रनौत और रंगोली चंदेल का पक्ष उनके लॉयर रिजवान मर्चेंट ने रखा. कंगना रनौत पर आरोप है कि उन्होंने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दो संप्रदायों में मतभेद पैदा करने की कोशिश की है.
कोर्ट ने मुंबई पुलिस को निर्देश दिया है कि वह कंगना रनौत और रंगोली चंदेल के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले. जहां तक कंगना और रंगोली की बात है तो कोर्ट ने दोनों बहनों को निर्देश दिए हैं कि वे इस मामले से जुड़ी कोई भी पोस्ट या कमेंट सोशल मीडिया पर नहीं करेंगी.
इसके अलावा कोर्ट ने कंगना व रंगोली से ये भी कहा है कि वे 8 जनवरी को बांद्रा पुलिस स्टेशन में उपस्थित रहें. इस मामले पर कोर्ट अगली सुनवाई 11 जनवरी को करेगा. जाहिर तौर पर कोर्ट ने कंगना को एक तरह की राहत इस मामले में जरूर दे दी है लेकिन जहां तक इस FIR को रद्द किए जाने की बात है तो आने वाली सुनवाई में शायद चीजें थोड़ा बेहतर ढंग से स्पष्ठ हो पाएंगी.
क्या है कंगना-रंगोली पर आरोप?
मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में कंगना के खिलाफ दी गई FIR में उन पर फूट डालने के आरोप लगे थे जिसके बाद अब कोर्ट इस मामले पर सुनवाई कर रही है. आईपीसी की धारा 295(a) 153 (a) और 124(a) के तहत ये FIR दर्ज की गई है और FIR MECR नंबर 3/20 है.
बता दें कि कंगना को कई बार मुंबई पुलिस का समन गया था लेकिन वह हर बार कोई न कोई कारण बताकर इसे टालती रही थीं. एक का उन्होंने ये कहते हुए जवाब दिया कि उनके घर में शादी है और दूसरे समन का उन्होंने जवाब नहीं दिया.