बिकरु गांव काण्ड में सीओ सहित आठ पुलिस कर्मियों की नृशंस हत्या करने वाले विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश के खिलाफ कृष्णानगर कोतवाली में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है।
बिकरु गाँव कांड की जांच के लिए गठित की गयी एसआईटी की रिपोर्ट में दीप प्रकाश द्वारा झूठा शपथपत्र प्रस्तुत कर लाइसेंसी रायफल हासिल किए जाने का जिक्र किया गया था और इसी को आधार बनाकर कृष्णानगर इंस्पेक्टर डीके उपाध्याय ने दीपक उर्फ़ दीप प्रकाश पर मुकदमा दर्ज किया है।
झूठा शपथपत्र देकर छुड़ाया था असलहा |
आपको बता दे कि 2017 ऑक्टूबर में विकास दुबे को एटीएफ ने विकास नगर से गिरफ्तार किया था। उस वक्त विकास के पास से .30 कैलिबर की स्प्रिंगफील्ड रायफल बरामद हुई थी। जिसे एसटीएएफ द्वारा जब्त किया गया था। इस स्प्रिंगफील्ड रायफल का लाइसेंस दीपक के नाम से 6 फरवरी 2010 को कानपुर से जारी हुआ था।
आपको बता दे की इस लाइसेंसी रायफल को विकास अपने साथ लेकर चलता था। रायफल जब्त होने के बाद दीपक उसे छुड़ाने की कोशिश में लगा हुआ था और इसलिए दीपक ने झूठा शपथ पत्र तैयार करवा न्यायालय में प्रस्तुत किया जिसके बाद अप्रैल 2018 में रायफल रिलीज हो गयी थी।एसआईटी की रिपोर्ट में तत्कालीन इंस्पेक्टर कृष्णानगर के खिलाफ भी लघुदण्ड की संस्तुति की गई है |
दीप प्रकाश से यह रायफल विकास ने ली थी जिसके बाद 2 जुलाई की रात दबिश देने पहुंची पुलिस टीम पर हुयी फायरिंग में भी .30 कैलिबर की स्प्रिंगफील्ड रायफल का इस्तेमाल किया गया था और हमले में सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिस कर्मियों की मौत हो गयी थी।
अभी तक यूपी पुलिस को नहीं मिला दीपक उर्फ़ दीप प्रकाश
पुलिस कर्मियों के निर्दयता से हत्या करने के बाद विकास दुबे ने अपने भाई दीप प्रकाश से फोन किया था और 3 जुलाई को कृष्णानगर पुलिस दीपक के इंद्रलोक कॉलोनी स्थित मकान पर पहुंची थी।
लेकिन पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा था। इस वारदात के पांच महीने बीत जाने बाद भी कानपुर, लखनऊ सहित पूरे यूपी की पुलिस दीपक को नहीं गिरफ्तार कर सकी है । आपको बता दें कि दीपक उर्फ़ दीप प्रकाश 20000 का इनामी है |