आगरा. देश में अब भले ही आपसी सहमति से बने समलैंगिक संबंध अपराध नहीं है, लेकिन ऐसे संबंध एड्स बीमारी की वजह बन रहे हैं. ताजनगरी आगरा से जो आंकड़े सामने आए हैं वो चौंकाने वाले हैं. समलैंगिक संबंधों को लेकर आगरा की स्थिति बेहद डरावनी है. ताजनगरी में समलैंगिक संबंधों के चलते 163 लोग एचआईवी संक्रमित हुए हैं. इन रोगियों का इलाज एसएन मेडिकल कॉलेज के एंटी रेट्रो वायरल ट्रीटमेंट (एआरटी) सेंटर में चल रहा है.
एआरटी प्रभारी डॉ. जितेंद्र दौनेरिया की मानें तो हर महीने समलैंगिक संबंध से दो से तीन केस एचआईवी होने के सामने आ रहे हैं. उनका कहना है कि समलैंगिकता के चलते एचआईवी के मामलों में तेजी आई है.
8 नए समलैंगिक एचआईवी संक्रमित मिले
डॉ. जितेंद्र ने बताया कि अभी दो तरह के एचआईवी मरीज आ रहे हैं. एक मेल-टू-फीमेल या फीमेल-टू-मेल हैं. दूसरे मेल-टू-मेल यानी समलैंगिक संबंधों से एचआईवी संक्रमित होने वाले हैं. हर माह समलैंगिक संबंधों से एचआईवी संक्रमित करीब तीन मरीज पंजीकृत हो रहे हैं.
इस साल अब तक समलैंगिक संबंधों से 28 नए एचआईवी संक्रमित मरीज पंजीकृत हुए हैं. एआरटी सेंटर में अब समलैंगिक संबंध वाले संक्रमित मरीजों की संख्या 163 हो गई हैं.
काउंसलिंग में हुए चौंकाने वाले खुलासे
उन्होंने कहा कि समलैंगिक संबंधों से एचआईवी संक्रमित हुए लोग वे हैं, जो विदेश में एजुकेशन लेने गए. वहां रूम मेट या अन्य से संबंध बने अब लौटकर भारत आए. समलैंगिक संबंध से एचआईवी संक्रमित हुए युवा हैं. इसमें 20 से 25 साल तक के लोग ज्यादा हैं.
अब तक 3647 मरीजों की मौत
आगरा स्थित एआरटी सेंटर से 10,391 एचआईवी संक्रमित जुड़े हैं. इनमें से 3,647 की अब तक मौत हो चुकी है. मरने वाले एचआईवी संक्रमितों में 555 ऐसे थे, जिनका पंजीकरण एआरटी सेंटर में हुआ था, लेकिन दवा शुरू होने से पहले ही उनकी मौत हो गई.