Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wp-statistics domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the 3d-flip-book domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the updraftplus domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114
अंतर धार्मिक शादी करनी है तो लेनी होगी इस अधिकारी की अनुमति- Amar Bharti Media Group जुर्म

अंतर धार्मिक शादी करनी है तो लेनी होगी इस अधिकारी की अनुमति

यूपी सरकार ने 24 नवंबर को धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश को मंजूरी दी थी. और बाद में राज्यपाल ने इस अध्यादेश को कानून के रूप में मान्यता दे दी. यह नया कानून प्रदेश में लागू हो गया. इसमें धर्म परिवर्तन को लेकर महत्वपूर्ण बिंदु शामिल किए गए हैं. शादी को लेकर भी अहम बातें कही गई हैं और नए प्रावधान भी किए गए हैं. आइए आपको बताते हैं कि अगर आप यूपी में अंतरधार्मिक शादी करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए क्या तैयारी करनी होगी.

बिना धर्म परिवर्तन किए अंतरधार्मिक विवाह

लखनऊ की घटना से साफ हो गया कि यदि अलग-अलग धर्मों के बालिग लड़का-लड़की अपने परिवारवालों की आपसी सहमती से भी अंतरधार्मिक शादी (कोर्ट मैरिज या रजिस्टर्ड मैरिज) करना चाहते हैं, तब भी उन्हें जिलाधिकारी (DM) के यहां दो माह पहले आवेदन कर शादी के लिए अनुमति लेनी होगी. यही वो कारण था, जिसकी वजह से गुरुवार को लखनऊ में आपसी सहमति से हो रही शादी को पुलिस ने रुकवा दिया और उन्हें डीएम से विवाह के लिए अनुमति लेने के लिए कहा. हालांकि इस मामले में लखनऊ डीएम अभिषेक प्रकाश का कहना है कि वे चुनाव में व्यस्त होने की वजह से अभी तक नए कानून का अवलोकन नहीं कर पाए हैं. इसे देखने के बाद ही वो इस मामले पर कुछ कह पाएंगे.

शादी के लिए धर्म परिवर्तन अमान्य, शादी मानी जाएगी शून्य

इस कानून के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति केवल शादी के लिए किसी लड़की का धर्म परिवर्तन करता है या कराता है, तो ऐसे में वो शादी शून्य की श्रेणी में आएगी. मतलब ये कि वो शादी कानून की नजर में अवैध होगी. ऐसे में नए कानून का उल्लंघन करने पर कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है. साथ ही आर्थिक जुर्माना भी किया जा सकता है.

ये है धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया

नए कानून में धर्म परिवर्तन के इच्छुक लोगों का ख्याल भी रखा गया है. ऐसे व्यक्तियों को तय प्रारूप के मुताबिक दो माह पहले जिला मजिस्ट्रेट (DM) को सूचना देनी होगी. उन्हें घोषणा करनी होगी कि बिना किसी लालच, डर और बहकावे में आए वे धर्म परिवर्तन कर रहे हैं. यदि वे ऐसा नहीं करते तो इसे कानून का उल्लंघन माना जाएगा. दोषी पाए जाने पर 6 माह से 3 साल तक की सजा का प्रावधान है. साथ ही आर्थिक जुर्माना भी होगा.

एक धर्म से अन्य धर्म में परिवर्तन करने के इच्छुक व्यक्ति को विहित प्राधिकारी के समक्ष उदघोषणा करनी होगी कि यह धर्म परिवर्तन बिना किसी लालच, डर, प्रभाव, प्रपीड़न, बिना जोर जबरदस्ती, बिना किसी छल कपट के किया जा रहा है. या यह केवल शादी के लिए नहीं किया गया है.

नाबालिग और एससी, एसटी महिलाओं के लिए कानून   

नए कानून के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की महिला या किसी नाबालिग लड़की का धर्म परिवर्तन करना या कराना भी इसी अपराध की श्रेणी में गिना जाएगा. नाबालिग लड़कियों, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की महिला के साथ किए गए उपरोक्त अपराध के दोषी को कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 साल कैद की सजा का प्रावधान है. साथ ही कम से कम 25 हजार रुपये का जुर्माना किया जा सकता है.

सामूहिक धर्म परिवर्तन पर अंकुश

इसी प्रकार से सामूहिक धर्म परिवर्तन करने या कराने के मामले में भी यह कानून लागू होगा. जिसके तहत ऐसा करने या कराने वाले सामाजिक संगठनों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा. दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामलों में 3 साल से कम की सजा नहीं होगी लेकिन इस सजा को अधिकतम 10 वर्ष की कैद तक बढ़ाया जा सकता है. ऐसे मामलों में जुर्माने की रकम 50 हजार रुपये से कम नहीं होगी.

सिर्फ प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट करेंगे सुनवाई

इस नए कानून के तहत मिथ्या, बल, प्रभाव, प्रपीड़न, लालच या किसी धोखे से एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन के लिए मजबूर किए जाने को संज्ञेय अपराध माना गया है. यह अपराध गैर जमानती है. ऐसे मुकदमों की सुनवाई प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की अदालत में की जाएगी.