देश की दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) में सरकार की 52.98 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए सरकार को तीन बोलियां मिली हैं. इस दौड़ में सबसे आगे वेदांता कंपनी दिख रही है.
सरकार अपनी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है
दरअसल, BPCL में हिस्सेदारी बेचने से सरकार को 45 हजार करोड़ रुपये मिल सकते हैं. सरकार अपनी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है. इसके लिए सरकार को तीन कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है. इसमें वेदांता ने 59 हजार करोड़ रुपये की बोली लगाई है.
फंड जुटाने में जुटी वेदांता
माइनिंग क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वेदांता ग्रुप ने BPCL में सरकार की 52.98% हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए EoI दिया है. यही नहीं, वेदांता ने BPCL के अधिग्रहण के लिए 8 बिलियन डॉलर यानी करीब 59,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है.
कर्ज भी लेगी वेदांता
वेदांता इस पैसे को शेयर बाजार और डेट से जुटाएगी और कर्ज भी लेगी. वेदांता ने कर्ज लेने के लिए कई बैंकों के साथ बातचीत चल रही है. मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसके लिए Vedanta कई बैंकों से बातचीत और साझेदारी कर रही है. कंपनी इसके लिए एक एंकर बैंक नियुक्त करेगी और इस काम के लिए जेपी मोर्गन से बातचीत भी एडवांस्ड स्टेज में है.
बोली की प्रक्रिया में वेदांता आगे
वेदांता केयर्न इंडिया के जरिये पहले से ही ऑयल और गैस बिजनेस में है. हालांकि, वेदांता अकेले इतना बड़ा फंड जुटा पाएगी, इसे लेकर जानकारों को थोड़ा संदेह है. पिछले महीने ही वेदांता ने BPCL को खरीदने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट के लिए बोली लगाई थी.
वेदांता ग्रुप की BPCL में 75% हिस्सेदारी खरीदने की योजना
खबरों के मुताबिक वेदांता ग्रुप BPCL में 75% हिस्सेदारी खरीदने की योजना बना रही है. कंपनी 52.98% हिस्सेदारी सरकार से खरीदेगी और 22% हिस्सेदारी ओपन ऑफर के तहत खरीदेगी. इसके लिए वेदांता को BPCL के लिए 64 हजार 200 करोड़ रुपये से लेकर 97 हजार 600 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी.
फिलहाल बीपीसीएल के शेयर का भाव 400 रुपये के आसपास
अभी बीपीसीएल के शेयर का भाव 400 रुपये के आसपास है. लेकिन माना जा रहा है कि इसकी बोली 600 रुपये के आसपास लगेगी. ऐसे में जो भी कंपनी इस दौड़ में शामिल होगी उसे 64 हजार से 97 हजार करोड़ रुपये जुटाने होंगे. वेदांता के अलावा अमेरिका की दो कंपनियों ने भी इसके लिए बोली लगाई है. इनमें एक कंपनी अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट है.