जितेंद्र तिवारी की BJP में एंट्री पर कौन क्‍या बोला

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में भगदड़ मच गई है. शुभेंदु अधिकारी और जितेंद्र तिवारी जैसे नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं. संभावना जताई जा रही है कि वे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होंगे. वहीं, पश्चिम बंगाल से ही आने वाले बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो नहीं चाहते हैं कि जितेंद्र तिवारी जैसे नेता पार्टी में आएं. आसनसोल से सांसद बाबुल सुप्रियो ने फेसबुक पर पोस्ट लिख जितेंद्र तिवारी का विरोध किया है.

केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने फेसबुक पर पोस्ट किया कि मैं ये इसलिए लिख रहा हूं क्योंकि कुछ लोग अफवाहों को फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि मैंने आसनसोल के टीएमसी नेताओं के साथ अंडर-टेबल डीलिंग की है और अब वे बीजेपी में आने की जुगत में हैं. मैं साफतौर पर बता दूं कि ऐसी किसी भी तरह की डीलिंग करके पार्टी में अपने सहयोगियों के साथ मैं विश्वासघात नहीं करूंगा. बाबुल सुप्रियो ने कहा कि बीजेपी के हमारे साथियों ने आसनसोल से टीएमसी को हराने की लड़ाई लड़ी है.

बीजेपी सांसद ने लिखा कि पार्टी नेतृत्व जो भी फैसला ले वो अलग चीज है, लेकिन मैं अपनी पूरी ताकत और ईमानदारी से यह सुनिश्चित करने की कोशिश करूंगा कि टीएमसी का कोई भी ऐसा नेता, जिसने हमारे सहयोगियों को नुकसान पहुंचाया, उसे बीजेपी में एंट्री ना मिले. हमें आसनसोल की जनता का समर्थन है.

बाबुल सुप्रियो ने लिखा कि क्षेत्र के कोयला/रेत माफियाओं पर हाल ही में हुई कार्रवाई साबित करती है कि मैं वास्तव में आसनसोल के साथ न्याय करने के अपने प्रयास में पूरे दिल से लगा हूं. 2021 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद हम यहां के युवाओं को स्वच्छ शांतिपूर्ण जीवन देने की कोशिश करेंगे.

कौन हैं जितेंद्र तिवारी

जितेंद्र तिवारी टीएमसी के विधायक रह चुके हैं. उन्होंने गुरुवार को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. कुछ ही समय पहले उन्होंने आसनसोल नगर निगम के बोर्ड ऑफ चेयरपर्सन पद से इस्तीफा दिया था. जितेंद्र तिवारी फिलहाल पांडेश्वर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं.

इस्तीफा देते हुए उन्होंने आरोप लगाया है कि कोलकाता में खूब सारा फंड है लेकिन आसनसोल के विकास के लिए फंड नहीं मिलता. इसके पहले जितेंद्र तिवारी ने रानीगंज के टीडीबी कालेज तथा गर्ल्स कालेज के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. वहीं जितेंद्र तिवारी ने ममता सरकार में मंत्री फिरहाद हाकिम पर आसनसोल क्षेत्र में विकास न कराने का आरोप लगाया था.