इस साल के अंतिम दिन 31 दिसंबर को हिंदू कैलेंडर का 10 वां महीना पौष आरंभ हो रहा है. पौष का महीना अत्यंत शुभ नक्षत्र में आरंभ हो रहा है. इस दिन पुष्य नक्षत्र रहेगा. पुष्य नक्षत्र को सभी नक्षत्रों में शुभ माना गया है. पुष्य नक्षत्र में पौष माह का आरंभ 100 साल बाद हो रहा है.
पुष्य नक्षत्र का महत्व
पुष्य नक्षत्र में शुभ कार्यों को महत्व बताया गया है. इस दिन को दान, पुण्य के लिए उत्तम माना गया है. इस दिन अच्छे कार्यों को करना चाहिए. इसका जीवन में विशेष लाभ प्राप्त होता है.
भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए
पौष माह भगवान विष्णु को समर्पित है. इस माह में भगवान विष्णु की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. इस माह में पड़ने वाली एकादशी तिथि का भी विशेष महत्व बताया गया है. एकादशी का व्रत सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना गया है. एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं. पौष मास में सफला एकादशी और पुत्रदा एकादशी का व्रत पड़ेगा.
पौष मास में पड़ रहे हैं 5 गुरुवार
पंचांग के अनुसार इस बार पौष मास में 5 गुरुवार पड़ रहे हैं. गुरु ग्रह इस समय मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. शनि के साथ गुरु युति बनाए हुए हैं. पौष मास में 5 गुरुवार पड़ने से शिक्षक, छात्र और विद्वान लोगों को अच्छा फल प्राप्त होगा.
मकर संक्रांति
पौष महीने में ही मकर संक्रांति का पर्व पड़ेगा. 14 जनवरी 2021 को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन सूर्य धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करेंगे. इस संक्रांति का विशेष धार्मिक महत्व है. मकर संक्रांति पर पवित्र नदी में स्नान और दान का विशेष महत्व होता है. इस मास में सूर्य भगवान की भी पूजा की जाती है.